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Rajasthan Elections 2023 : राजस्थान की शिव विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अमीन खान को 10वीं बार टिकट दिया। अगर उनकी उम्र की बात करें तो चौंक जाएंगे। शायद इस बार की विधानसभा के सबसे बुजुर्ग उम्मीदवार हों। कांग्रेस की चौथी लिस्ट में शिव विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक अमीन खान को कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित किया है। अमीन खान शिव विधानसभा सीट से लगातार 10वीं बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव टिकट लड़ेंगे। इन 10 चुनावों में अमीन खान 5 बार विधायक बने है तो 4 चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। साल 1980 से लगातार अमीन खान एक बार जीत और एक बार हार कर 5 बार विधायकी अपने नाम कर चुके हैं।

अमीन खान पांच बार विधायक

भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर स्थित शिव विधानसभा क्षेत्र से अमीन खान पांच बार विधायक रह चुके हैं। अमीन खान इस इलाके के दिग्‍गज अल्‍पसंख्‍यक नेता है। पहली बार साल 1980 में राजस्‍थान विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अमीन खान का जन्‍म 15 जनवरी 1939 को हुआ था। इनकी शादी समानी के साथ हुई। बेटे का नाम शेर मोहम्‍मद है।

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शिव विधानसभा सीट का सियासी गणित

शिव विधानसभा सीट के सियासी गणित के अनुसार यहां सबसे ज्‍यादा आबादी मुसलमानों की है। पर राजपूतों का भी दबदबा है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति, जाट, प्रजापत, चारण और पुरोहित मतदाताओं की अच्छी मौजूदगी है। करीब 500 गांवों वाले शिव विधानसभा सीट साल 1967 से लेकर 2018 तक 12 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 7 बार कांग्रेस, 2 बार जनता पार्टी व 3 बार भाजपा जीती है। शिव के वर्तमान विधायक अमीन खान 85 साल के हो चुके हैं।

विधानसभा चुनाव 2018 का रिजल्ट

शिव विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 254165 वोटर मौजूद थे। अमीन खान को 84338 मत मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी खंगार सिंह सोढ़ा को 60784 मत मिले थे। खंगार सिंह सोढ़ा 23554 वोटों से चुनाव हार गए थे।

विधानसभा चुनाव 2013 का रिजल्ट

भाजपा – मानवेन्द्र सिंह (W) – 100934
कांग्रेस अमीन खान 69509

विधानसभा चुनाव 2008 का रिजल्ट

कांग्रेस – अमीन खान (W) – 75787
भाजपा जालम सिंह 45927

शिव विधानसभा सीट खास बातें

पुरुष प्रधान सीट है शिव विधानसभा
एक भी महिला विधायक नहीं चुनी गई हैं।
एक महिला उम्मीदवार गोमती देवी चुनाव लड़ी, सिर्फ 330 वोट मिले थे।
विधायक लगातार दो बार जीत हासिल नहीं कर पाते।
सबसे बड़ी जीत 31425 वोटों से वर्ष 2013 में मानवेंद्र सिंह ने हासिल की थी।
सबसे छोटी जीत महज 9 वोटों से हुकुम सिंह के नाम दर्ज है।
चुनाव 2018 में रालोपा उम्मीदवार उदाराम मेघवाल ने 51 हजार वोट लेकर चौंकाया।

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Source: Barmer News

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