जिप्सम से भरे भारी वाहन तेज गति से आबादी क्षेत्रों में सरपट दौड़ने से लोग दहशत में आ गए हैं। ये ट्रक अंचल के सिणली, वजावास, गोल, भीमरलाई, कितपाला, कालूड़़ी व गोल स्टेशन के गांवाें से गुजरते हैं तो लोगों की जान पर बन आती है।इससे प्रभावित लोगों ने बताया कि कि दो दिन पूर्व हुई दुर्घटना के बाद भी इन वाहनों की रफ्तार पर कोई असर नहीं पड़ा है। पुलिस व प्रशासन ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया है। इन ट्रेलरों में बिना ढके जिप्सम के परिवहन से गांव-कस्बों के दुकानदार, ग्रामीण व राहगीर भी परेशान हैं। क्योंकि वे इनमें भरे जिप्सम की उड़ती धूल के कणों से हर समय परेशान रहते हैं।
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एक दशक से खतरा
जिले में जिप्सम खनन के मामले में तकरीबन एक दशक से भीमरलाई, सिणली जागीर, वजावास व गोल गांव बहुत चर्चित हैं। यहां जिप्सम के एसटीपी क्षेत्रों से जिप्सम भरने वाले ट्रक चालक एनजीटी के नियमों की खूब धज्जियां उड़ा रहे हैं।
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रोक के बावजूद नहीं कार्रवाई
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के बावजूद इलाके में ट्रक व ट्रेलर जिप्सम का बिना कवर किए परिवहन किया जा रहा है। इससे न सिर्फ राहगीरों व वाहन चालकों को परेशानी हो रही है, बल्कि इससे उड़ती धूल-मिट्टी के कारण कई लोग दुर्घटनाओं के शिकार हो चुके हैं। फिर भी विभाग बिना ढके जिप्सम ढोने वाले वाहनों पर कार्रवाई करने में शिथिलता बरत रहा है। हालांकि विभाग का इलाके में लगातार कार्रवाई करने का दावा किया जा रहा है। गौरतलब है कि बिना ढकी सामग्री वाहनों से सड़क पर गिरने से वाहन चालकों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर एनजीटी ने ऐसे वाहनों पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन वाहनों की जांच में लगे अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है।
Source: Barmer News