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सरस डेयरी में जैसलमेर के पोकरण क्षेत्र से बीते दिनों मिलावटी दूध से भरे टैंकर की आपूर्ति की गई। डेयरीकर्मियों को दूध में मिलावट का संदेह हुआ। लैब में जांच के बाद दूध में मिलावट पकड़ में आ गई। इसमें वनस्पति तेलों की मौजूदगी मिली जो दूध में वसा बढ़ाने के लिए प्रयुक्त की गई थी। डेयरी ने पूरे टैंकर को रिजेक्ट कर दिया, जिसमें 11 हजार 550 लीटर दूध था। भविष्य के लिए पोकरण स्थित दूध आपूर्ति करने वाली सोसायटी को बैन किया गया है।

जोधपुर सरस डेयरी में प्रतिदिन करीब 80 हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है। दूध की आपूर्ति जोधपुर और जैसलमेर के ग्रामीण क्षेत्रों से विभिन्न सोसायटियों के मार्फत की जाती है। पिछले कुछ समय से डेयरी में मिलावटी दूध की सूचना आ रही थी, जिसके बाद सजग हुए अधिकारियों को एक टैंकर पकड़ने में सफलता हाथ लगी। इसमें दूध में वसा की मात्रा 4.5 प्रतिशत थी, लेकिन एसएनएफ 8 प्रतिशत से कम था।

वसा बढ़ाने के लिए करते हैं वनस्पति तेल की मिलावट
गाय के दूध में वसा की मात्रा 3.5 प्रतिशत, भैंस के दूध में 6 प्रतिशत और मिश्रित दूध में करीब 4.5 प्रतिशत होनी चाहिए। एसएनएफ की मात्रा 8 से 9 प्रतिशत होनी चाहिए। अधिक वसा युक्त दूध के अधिक पैसे मिलते हैं। दुग्ध आपूर्ति करने वाले दूध के अधिक दाम लेने के लिए वनस्पति तेलों के जरिए दूध में वसा की मात्रा बढ़ा देते हैं, लेकिन यह सेहत के लिए खिलवाड़ होता है।

हमने मिलावटी दूध आपूर्ति करने वाली पोकरण की सोसायटी को बैन कर दिया है। ऐसे मिलावटखोरों पर लगाम लगाने के लिए हम समय समय पर पैनल्टी भी लगाते हैं।
रामलाल चौधरी, महाप्रबंधक, सरस डेयरी जोधपुर

Source: Jodhpur

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