थार में सर्दी ने जोर पकड़ा तो चहुंओर रबी की बुवाई का दौर शुरू हो गया है। देखते ही देखते चंद दिनों में चार लाख हैक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले साढ़े तीन लाख हैैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। अभी भी बुवाई का दौर जारी है जो दिसम्बर प्रथम सप्ताह तक रहेगा। ऐसे में तय लक्ष्य समय से पहले ही पूरा होने की उम्मीद है।
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खेतीबाड़ी में जुटे धरतीपुत्र
जिले में सिंचित खेती की ओर बढ़ने रूझान के चलते रबी की बुवाई बम्पर होने लगी है। यहीं कारण है कि इस बार लगभग चार लाख हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा हुआ है। इधर, सर्दी की दस्तक भी हो चुकी है जिस पर अब धरतीपुत्र खेतीबाड़ी में जुटे हुए हैं। ऐसे में गांव-गांव जीरा, ईसबगोल, तारामीरा, सरसों, गेहूं की बुवाई हो रही है। सर्दी की शुरूआत में ही थार लक्ष्य की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। अब तक जिले में करीब साढ़े तीन लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। अभी सर्दी जोर पकड़ रही है और बुवाई का दौर जारी है।
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जीरा की बुवाई सर्वाधिक- इस बार जिले में जीरे की बुवाई सर्वाधिक हो रही है। जानकारी के अनुसार जिले में करीब ढाई लाख हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य है जिसकी तुलना में दो लाख बीस हजार हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है।
पचास हजार हैक्टेयर तक पहुंचा ईसब- इस बार ईसबगोल की बुवाई अपेक्षाकृत कम हो रही है। हर साल करीब एक लाख हैक्टेयर में बुवाई होती है लेकिन इस बार 75 हजार हैक्टेयर का लक्ष्य मिला है। जिसके मुकाबले पचास हजार हैक्टेयर में बवाई हुई है।
अन्य फसलों में बुवाई- रबी की अन्य फसलों में सरसों करीब 23 हजार व अन्य फसलों में मुख्यत: गेहूं दस हजार हैक्टेयर में बोया गया है। जबकि अन्य फसलें जिसमें मैथी, जाम्बा, चना, जौ आदि करीब 25 हजार हैक्टेयर में बोई गई हैं।
Source: Barmer News