बाड़मेर। साल 2023 का आखिरी महीना चल रहा है। मांगलिक कार्य के लिए शुभ दिन 15 दिसम्बर तक ही है। इसके बाद 16 दिसम्बर से मळमास शुरू होनेे के कारण शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। मकर संक्रांति के बाद 15 जनवरी से फिर से विवाह मुहूर्त की शुरूआत होगी। उल्लेखानीय है कि इस वर्ष भी विवाह के मुहूर्त काफी कम रहे और अगले साल 2024 में भी कुल 72 दिन विवाह मुहूर्त के बन रहे हैं। वहीं इस साल अब मांगलिक कार्य के लिए 5 दिन शेष है।
विवाह व अन्य मांगलिक कार्यों में मळमास के कारण बाधा आएगा। साल के आखिरी में मळमास 16 दिसम्बर से शुरू होकर अगले साल 14 जनवरी तक रहेगा तो दूसरा 2024 में 15 मार्च से 16 अप्रेल तक मीन राशि की संक्रांति होने के कारण होगा। इसके कारण इस दौरान विवाह समारोह नहीं होंगे। इसके बाद 18 अप्रेल से विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे।
विवाह मुहूर्त 2024
जनवरी : 16, 17, 20,21,22 और 27 से 31-11 दिन
फरवरी: 1 से 8, 12, 13, 14, 17, 18, 19, 23 से 27 और 29 – 20 दिन
मार्च: 1 से 7 और 11, 12 – 9 दिन
अप्रेल : 18 से 22 -5 दिन
जुलाई: 3 और 9 से 15 – 8 दिन
नवम्बर : 16 से 18 और 22 से 26-8 दिन
दिसम्बर : 2 से 5, 9 से 13 और 14, 15 – 11 दिन
मळमास में टाले जाते है शुभ कार्य
दिसम्बर 16 से मळलास शुरू हो जाएगा, इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को टाला जाता है। विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, किसी भी तरह के नए कार्य की शुरूआत और शुभ कार्य नहीं किए जाते है। मळमास मकर संक्रांति 14 जनवरी 2024 तक रहेगा। इसके बाद फिर मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
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गुरु व शु्क्र अस्त के कारण नहीं होंगे विवाह
ज्योतिषियों के अनुसार गुरु संतान सुख तो शुक्र दाम्पत्य जीवन में सुख, भौतिक सुविधाओं में वृद्धि करते हैं। अगले साल 23 मई से शुक्र अस्त हो जाएंगे जो 30 जून को उदित होंगे। वहीं 6 मई से गुरु अस्त हो जाएंगे जो 2 जून को उदित होंगे। दोनों ग्रहों के अस्त होने के कारण इस बीच लग्न के मुहूर्त नहीं होंगे। इसके कारण 30 जून को शुक्र का उदय होने के बाद ही विवाह समारोह की फिर से शुभारंभ हो सकेगा।
Source: Barmer News