जोधपुर।
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, कॉलेज व बोर्ड परीक्षाओं की फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचने और लाखों रुपए ऐंठने के मामले में कुड़ी भगतासनी थाना पुलिस ने दिल्ली में दबिश देकर मंगलवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। वह दिल्ली में फर्जी संस्थान और कॉल सेंटर बनाकर युवाओं को घर बैठे डिग्री व मार्कशीट दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए ऐंठने में लिप्त था। एक आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
थानाधिकारी देवेन्द्रसिंह देवड़ा ने बताया कि प्रकरण में उप निरीक्षक रामभरोसी, एएसआइ मुकेश कुमार मीना व शिवराज के नेतृत्व में पुलिस की दो टीमें बनाकर दिल्ली व अन्य जगहों पर भेजी गईं थी। पुलिस ने दिल्ली में दबिश देकर एक फर्जी संस्थान पकड़ा। तलाशी के बाद पुरानी दिल्ली में बुराडी के संत नगर निवासी मदनलाल 45 पुत्र नरेनूराम को गिरफ्तार किया। उसे जोधपुर लाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। मूलत: नागौर में संजय कॉलोनी हाल माता का थान निवासी नरेश पुत्र अशोक प्रजापत को 18 दिसम्बर को गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी निजी स्कूल संचालक अशोक कुमार गुप्ता ने 18 अक्टूबर को नरेश के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। उसके मार्फत 30 अभ्यर्थियों से 26.26 लाख रुपए ऐंठ लिए गए थे। बदले में फर्जी मार्कशीट थमा दी गईं थी। नरेश ने बीएएमएस की डिग्री उत्तराखण्ड शिक्षा परिषद्, बी.एससी की मेवाड़ विवि गंगरार चित्तौड़गढ़, बीएड की डिग्री कृष्णा विवि छत्तरपुर एमपी और बीएससी की डिग्री आइइसी विवि हिमाचल प्रदेश के नाम से फर्जी बनाकर दी थी।
कॉल सेंटर में काम कर रहे थे तीस अभ्यर्थी
पुलिस का कहना है कि नरेश प्रजापत से पूछताछ में देश के कई शहरों में सक्रिय विवि व कॉलेजों के एजेंटों के बारे में पता लगा। पुलिस ने पुरानी दिल्ली के संत नगर में दबिश दी, जहां हिमालय ग्रुप ऑफ एज्यूकेशन नाम से फर्जी संस्थान संचालित हो रहा था। संचालक मदनलाल ने कॉल सेंटर खोल रखा था, जहां तीस कार्मिक कार्य कर रहे थे। वहां फर्जी विज्ञापन भी बनाए जाते थे और सोशल मीडिया पर अपलोड कर युवाओं को जाल में फांसते थे। कॉल सेंटर में कॉल करने वाले अभ्यर्थियों को विभिन्न कोर्स व डिग्री करवाने का झांसा देने में लिप्त थे।
इन कोर्स व कॉलेज की फर्जी डिग्रियां बनाईं
आरोपी मदनलाल से जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। उसके मार्फत बी.कॉम, बी.एससी, बी.एड, डी फार्मा, 12वीं कक्षा की मार्क शीट और कई कॉलेजों के मेडिकल सर्टिफिकेट भी दिए जा रहे थे।
Source: Jodhpur