Bhajanlal Cabinet : भजनलाल सरकार का मंत्रिमंडल तैयार हो चुका है। सरकार ने मारवाड़ की झोली मंत्रिमंडल के जरिए भरने की कोशिश की है। 22 में से 6 मंत्री मारवाड़ से बनाए गए हैं। इनमें 4 केबिनेट मंत्री हैं। कांग्रेस सरकार के समय मारवाड़ से मुख्यमंत्री व कई दिग्गज मंत्री थे, लेकिन फिर भाजपा की सरकार आई तो सीएम व डिप्टी सीएम में मारवाड़ को जगह नहीं मिली थी, लेकिन अब मारवाड़ को विशेष मौका दिया गया है। खास बात यह है कि चार केबिनेट मंत्रियों में से सिर्फ खींवसर को अनुभव है। इसके अलावा तीनों विधायक पहली बार केबिनेट मंत्री बने हैं।
जोधपुर के दो केबिनेट मंत्री के मायने
1. गजेन्द्रसिंह खींवसर: केबिनेट में दूसरे नम्बर पर शपथ लेकर सबसे अनुभवी मंत्रियों में से एक बने। इससे पहले वसुंधरा राजे की दोनों सरकारों में मंत्री रहे हैं। पिछली वसुंधरा सरकार में वे कैबिनेट मंत्री थे, उन्हें दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाया है। खींवसर की पहले वसुंधरा राजे से नजदीकियां थी, लेकिन आरएसएस की भी पसंद हैं। मारवाड़ के एकमात्र राजपूत चेहरे के रूप में उनको मौका दिया गया है। पार्टी ने इससे अंदरूनी खींचतान को साइड लाइन कर एकजुटता का भी मैसेज दिया है।
2. जोगाराम पटेल: तीसरी बार विधायक हैं। पहली बार केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। पिछली बार वसुंधरा सरकार में संसदीय सचिव थे। मारवाड़ में ओबीसी व पटेल समाज को साधने के लिए यह कार्ड खेला गया है। लूणी सीट जो कि बिश्नोई परिवार का गढ़ मानी जाती थी, वहां से महेन्द्र बिश्नोई को हरा कर बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके अलावा हाईकोर्ट में अधिवक्ता व संसदीय मामलों के जानकार हैं। वसुंधरा राजे के नजदीकी रहे हैं।
पाली को भी दो केबिनेट मंत्री
1. अविनाश गहलोत : जैतारण से लगातार दूसरी बार विधायक हैं। पहली बार मंत्री बने हैं। संघ की पसंद हैं। माली समाज से आते हैं। ऐसे में यहां दोहरा संदेश दिया गया है। युवा को मौका दिया व ओबीसी कार्ड भी खेला गया है। ये भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए कद्दावर नेता सुरेन्द्र गोयल को हरा कर सदन में पहुंचे थे।
2. जोराराम कुमावत: लगातार दूसरी बार जीते हैं और संघ की पसंद हैं। पाली जिले के सुमेरपुर सीट से जीते हैं। पूरे गोडवाड़ बेल्ट को साधन को प्रयास हैं। ओबीसी समाज से आते हैं।
सिरोही
1. ओटाराम देवासी : पिछली भाजपा सरकार में पशुपालन व गोपालन राज्य मंत्री थे। धर्म गुरु के तौर पर पहचान है और वसुंधरा गुट के काफी नजदीक हैं। मारवाड़ के जालोर-सिरोही पिछड़े जिले से एकमात्र मंत्री हैं। कांग्रेस के दिग्गज संयम लोढ़ा को हराकर सदन में पहुंचे हैं।
बाड़मेर
1. कृष्ण कुमार बिश्नोई : लादूराम बिश्नोई की विरासत को आगे बढ़ाते हुए केके बिश्नोई गुडामालानी सीट को जीत कर लाए। पश्चिमी राजस्थान में बिश्नोई समाज बड़ा वोट बैंक हैं। ऐसे में इसको साधने के लिए मंत्रीमंडल में जगह दी गई है। बिश्नोई वसुंधरा व संघ दोनों के नजदीकी हैं। पहली बार चुनाव लड़े और जीते हैं।
पटेल के घर पर आतिशबाजी कर मनाया जश्न
माटी के लाल के मंत्री बनने की खबर से ही धुंधाड़ा कस्बे में एक बार फिर दीपावली सा माहौल हो गया और पटाखों के धूम-धड़ाके से धुंधाड़ा कस्बा गूंजायमान हो गया। पटेल इसी गांव में पले-बढ़े, इसलिए ग्रामीण में खुशी का माहौल था। जोधपुर शहर में सरदारपुरा स्थित उनके निवास पर भी आतिशबाजी की गई। उनकी पत्नी हीरादेवी पटेल, पुत्र अधिवक्ता अशोक पटेल, धर्मेन्द्र पटेल, अधिवक्ता मनीष पटेल, पुत्र वधुओं, पौते-पोतियों ने भगवान व संत राजेश्वर महाराज का जयघोष कर एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।
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पांच साल बाद फिर से लोहावट को मिला मंत्री
लोहावट विधानसभा क्षेत्र के विधायक गजेन्द्रसिंह खींवसर को केबिनेट मंत्री बनाने पर क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड पड़ी। कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। परिवारजन ने मिठाई बांटकर खुशी जताइ्र। कुछ कार्यकर्ता जयपुर स्थित उनके निवास भी पहुंचे और उनको शुभकामनाएं दी। इस मौके पर सोहनलाल खींचड, जगदीश ढाका, अमित शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई। इससे पहले 2013 से 2018 में भी खींवसर भाजपा सरकार में केबिनेट मंत्री थे।
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Source: Jodhpur