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बाड़मेर/पत्रिका न्यूज नेटवर्क। उम्र महज 26 साल। पार्टी… कोई नहीं। कार्यकर्ता… अपने बूते..। समय.. महज कुछ महीने। निर्णय.. 48 घंटे में। सामने…बड़े-बड़े व अनुभवी नेता। परिस्थितियां… जातिगत वोट और ध्रुवीकरण। टक्कर..कड़ी। मुकाबला…बड़ा। सारे चक्रव्यूह तोड़कर 26 साल का यह युवक ( Ravindra Singh Bhati ) राज्य के सबसे कम उम्र का विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो अब सारी पार्टियां यह विचार कर रही है कि इस यूथ का बूथ से लेकर वोटर्स मैनेजमेंट क्या रहा होगा? युवाओं के लिए राजनीतिक मैनेजमेंट के राज्य के बड़े उदाहरण बने है शिव विधायक रविन्द्रसिंह भाटी।

यों समझें

-भाजपा से चुनाव लड़ना था।भाजपा ज्वाइन की लेकिन टिकट नहीं मिला, राजनीतिक चक्रव्यूह में रोका।

– चक्रव्यूह तोड़ा और तुरंत निर्णय लिया कि चुनाव निर्दलीय लडूंगा।

– समाज की बैठक हुई दबाव बनाया गया कि न लड़े, गंभीरता से कहा मैं लडूंगा..जीतकर आऊंगा।

– कांग्रेस, भाजपा और बागी जिलाध्यक्ष कांग्रेस:तीन बड़े नेताओं के सामने लड़कर जीते।

-406 बूथ और करीब 200 किमी क्षेत्रफल का विधानसभा क्षेत्र, एक-एक बूथ पर कम समय में पकड़ कर ली।

– सोशल मीडिया को बनाया हथियार और पहुंचे घर-घर।

जीत के बाद सब चकित

Ravindra Singh Bhati News: बागी लड़कर जीत की तो राज्यभर ही नहीं दिल्ली तक चर्चे पहुंच गए कि यह हुआ कैसे? एक 26 साल का युवक यह कमाल कैसे कर सकता है? आखिर उसका बूूथ, वोटर, सोशल, पॉलीटिकल, पर्सनल, मीडिया, एडमिनिस्टे्रशन से लेकर टोटल मैनेजमेंट क्या रहा?

टीमवर्क

यह टीमवर्क है। युनिवसिर्टी से लेकर विधानसभा तक। यूथ की पूरी टीम है जो मैनेजमेंट करती है। बिन्दुवार चर्चा, प्वाइंट डिस्कशन, प्रोब्लम एण्ड सोल्यूशन, वॉक, टॉक एण्ड मीट की थ्योरी पर भी काम करते है। आज का युग युवाओं का है, बस वे अपनी प्रतिभा के साथ आगे आएं। मजबूती से खड़े रहे और अपनी बात रखें। यूथ का भविष्य उज्जवल है।
-रविन्दसिंह भाटी, विधायक शिव

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Source: Barmer News

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