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प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (आरटीओ) कार्यालय में लाइसेंस के लिए ली जाने वाली ड्राइविंग ट्रायल में फर्जीवाड़ा सामने आया है। 7 जनवरी रविवार को छुटृटी के दिन ट्रायल ली गई। इतना ही नहीं, एक ही डमी आदमी ने 35 लोगों के लिए ट्रायल दे दिए। सूत्रों के अनुसार, इसमें लाइसेंस शाखा के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत बताई जा रही है। आवेदकों से ट्रायल करने के लिए पैसे भी लिए गए है।

मामला सामने आने के बाद आरटीओ ने 10 जनवरी को लाइसेंस शाखा के कनिष्ठ सहायक प्रभारी सहित सात कर्मचारियों को नोटिस जारी किए। इसमें कनिष्ठ सहायक प्रभारी, दो सहायक प्रोग्रामर, एक प्रोग्रामर व तीन सूचना सहायकों शामिल हैं। यह पहली बार है जब इस तरह से मिलीभगत व फर्जीवाड़े से पूरी लाइसेंस शाखा को नोटिस जारी किया गया है। आरटीओ हरफूल पंकज ने जिला परिवहन अधिकारी टीकूराम को मामले की पूरी जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है।

जुलाई में ही आरटीओ करने लगा संचालन
योग्य व्यक्ति को ही गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस मिले और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रदेश में ऑटोमेटेड ड्राइङ्क्षवग ट्रायल ट्रैक बनाए गए थे। जोधपुर में यह ट्रैक 10 अक्टूबर 2021 को शुरू हुआ था। इसके संचालन के लिए निजी कम्पनी को जिम्मा दिया गया था। बाद में ट्रैक की बदहाली व अव्यवस्थाओं पर सरकार ने जुलाई 2023 में इसके संचालन का जिम्मा आरटीओ को सौंप दिया, लेकिन इस ट्रैक पर अभी भी अव्यस्थाओं का आलम है।

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सीधी बात: हरफूल पंकज, आरटीओ
पत्रिका- सरकारी अवकाश के दिन डमी व्यक्ति ने ट्रायल ली, क्या जानकारी है?
आरटीओ- हां मुझे जानकारी मिली। यह सही नहीं है।
पत्रिका- मामले पर आपने क्या किया?
पत्रिका- पूरी लाइसेंस शाखा को नोटिस जारी किया है। साथ ही ट्रैक कर्मचारियों को हटा दिया है।
पत्रिका- सरकारी अवकाश के दिन यह गड़बड़ी कैसे हुई?
आरटीओ- इस मामले की पूरी जांच के लिए डीटीओ को निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आते ही एक्शन लिया जाएगा।

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Source: Jodhpur

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