- अश्व पर सवार होकर आएगी संक्रांति
- बाजारों में खरीदारी की रौनक, तिल के व्यंजन और पतंगों की बिक्री
मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन संक्रांति का विशेष पुण्यकाल सुबह 9.24 बजे के बाद पूरे दिन रहेगा। पिछले तीन सालों से लगातार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है। पर्व को लेकर बाड़मेर के बाजारों में खरीदारों की रौनक रही। लोगों ने तिल और गुड़ के बने मीठे व्यंजन की खरीदारी की। वहीं पतंगों की दुकानों पर बच्चे और युवा खरीदारी के लिए उमड़े।
पंडितों के अनुसार कि मकर संक्रांति 14 जनवरी की रात्रि में आएगी और 15 जनवरी को मनाई जाएगी। पिछले कुछ सालों से सूर्यदेव मकर राशि में 14 जनवरी की मध्यरात्रि में प्रवेश कर रहे है, इसके कारण पर्वकाल 15 जनवरी को मनाया जाता है। जिस प्रकार हर तीन साल में अधिकमास के कारण एक महीना बढ़ जाता है, उसी तरह हर तीन वर्ष में संक्रांति काल एक घंटे बढ़ जाता है। इस तरह से 70 से 80 साल में एक दिन बढ़ जाता है। इसके कारण संक्रांति पर्व 15 जनवरी को पड़ता है।
मंगलकारी है संक्रांति
इस बार पौष माह की मकर संक्रांति होगी। ऐसे में इसे विशेष रूप से फलदायी माना है। संक्रांति के स्वरूप के अनुसार लोगों की सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी। मंगल कार्य होंगे। संक्रांति अश्व पर सवार होकर आएगी। इसे ज्योतिष शुभ संकेत मान रहे है। मकर राशि में सूर्यदेव के प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता रहा है।
बाजार में उमड़ी भीड़
मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की धूम रहती है। शहर में पतंगों की दुकानों बच्चे और युवाओं की भीड़ रही। पतंगबाजी को लेकर संक्रांति के पूरे दिन उत्साह नजर आएगा। वहीं संक्रांति पर दान के लिए बाजार में तिल-गुड़ से बने व्यंजनों की दुकानों पर भी खरीदारी हुई। इस दिन 13 वस्तुओं के दान की परम्परा का निर्वाह किया जाएगा। महिलाएं 13 वस्तुओं का दान करते हुए रिश्तेदारी में वितरण करेंगी।
Source: Barmer News