स्कूल की छुट्टी होने के बाद छात्र-छात्राएं हमेशा की तरह हंसी-खुशी घर जाने के लिए निकले थे। लोगों का कहना है कि बनाड़ केंट रेलवे स्टेशन के पास गली में घुसते ही टाइल्स विक्रेता ओमप्रकाश राठी ने अपना पालतू जर्मन शेफर्ड छोड़ दिया। जो भौंकने के साथ ही विद्यार्थियों की तरफ दौड़ा था। मासूम इतने घबरा गए कि वे सीधे रेलवे लाइन होकर घर की तरफ भागे। वे इतना घबरा गए कि उन्हें ट्रैक पर आ रही मालगाड़ी का आभास तक नहीं हो पाया। ट्रैक पर पहुंचते ही मालगाड़ी ने युवराजसिंह व रिश्ते में बहन अनन्या को कुचल दिया। लोको पायलट ने ब्रेक लगाकर रोकने का प्रयास किया, लेकिन दोनों भाई-बहन ट्रेन में फंस गए। ट्रेन उन्हें काफी दूर तक घसीटते ले गई। ट्रैक पर खून ही खून फैल गया। दोनों मासूमों का शरीर क्षत विक्षत हो गया। बैग में रखी कॉपी व किताबों के पेपर हवा में उडक़र इधर-उधर बिखर गए। बड़े बेटे युवराज सिंह की मौत से देर उसकी मां की तबीयत खराब हो गई।
आवाजाही के लिए छोटी सी जगह बची
आरोपी मकान मालिक ओमप्रकाश राठी मार्बल टाइल्स का विक्रेता है। उसने गली के अंत में बड़ा केबिन अवैध तरीके से रखकर अतिक्रमण कर रखा है। उसके पास भी बाड़ा बना हुआ है, जिनमें टाइल्स रखी गई है। गली में सड़क के दोनों तरफ भी टाइलें रखी हुईं हैं। केबिन व बाड़े की वजह से आवाजाही के लिए छोटी सी जगह बची है।
दोनों की मां ने दर्ज करवाई एफआइआर
एडीसीपी नाजिम अली का कहना है कि युवराजसिंह व अनन्या की मां ने मकान मालिक के खिलाफ अलग-अलग एफआइआर दर्ज करवाई है। परिजन के आग्रह पर जिला कलक्टर की विशेष अनुमति से रात को दोनों शवों के मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाए गए। देर रात शव परिजन को सौंपे गए।
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गुस्साए लोगों ने टाइलों में तोड़-फोड़ की
हादसा होने के बाद आमजन में आक्रोश व्याप्त हो गया। उन्होंने ओमप्रकाश राठी के मकान में पथराव कर दिया। बाहर रखी मार्बल व अन्य टाइल्स में तोड़-फोड़ कर टुकड़े-टुकड़े कर दिए। आरोपी से मारपीट भी की। पुलिस व आरएसी का अतिरिक्त जाब्ता मौके पर बुलाया गया।
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Source: Jodhpur