अंतरप्रांतीय कुमार साहित्य परिषद बाडमेर एवं राष्ट्रीय कवि संगम बाडमेर के संयुक्त तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन बीकानेर के शायर वलीमोहम्मद के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ साहित्यकार बंशीधर तातेड की अध्यक्षता एवं गोरधनसिंह सोढा जहरीला, रामकुमार जोशी के विशिष्ठ आतिथ्य में स्थानीय पैन्शनर समाज भवन गांधीचौक में आयोजित हुआ। वली मोहम्मद ने ये कश्ती ये समन्दर ये किनारे कौन देखेगा चले जाएगें हम ये नजारे कौन देखेगा , बदला जो वक्त साथ में क्या बदल गया, अपने बदल गए तो जमाना बदल गया, हरेक हाथ में पत्थर है क्या किया जाएं आदि गजलों की प्रस्तुति देते हुए बेटियां कविता सुना कर दर्शकों की दाद बटोरी।
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नफरतों का दौर है प्यारे थोड़ी हकीकत ज्यादा शोर है
बंशीधर तातेड़ ने नफरतों का दौर है प्यारे थोड़ी हकीकत ज्यादा शोर है प्यारे सुनाकर वातावण को काव्य मय बना दिया। जेठानंद पंवार ने गीत गाओ खुशी मनाओ, चन्द्रवीर आपदार ने शायरों की गंगा में डूबकी लगाने आए हैं, पवन संखलेचा नमन ने स्वागत गीत एवं बेटियां कविता पेश की । कवयित्री नीलम जैन ने मौत के आगोश में सोना है आदि गजले पेश की। गोरधनसिंह सोढा जहरीला ने लुट गया तेरे जाने के बाद शानदार रचना पेश कर दाद बटोरी |
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हाथ पकड़ने की जिसने कोशिश की सड़क पर गिर जिन्दगी से गया
नवोदित कवि मेघराज मेघ ने रिश्तों को संवारती परिवार कविता सुनाई तो रामकिशोर जोशी राम ने हाथ पकड़ने की जिसने कोशिश की सड़क पर गिर जिन्दगी से गया रचना पेश की। ओम जोशी ओम ने सुलझाने लगूंगा तेरी जुल्फे तो उलझ जाऊंगा, कुमारी लक्ष्मी ने अयोध्या की गलियों में जगमाएं दीप, राणाराम अभि गोयल ने इशारों इशारों में कर गया टूटे दिल की फरियाद, गौतम संखलेचा चमन ने आपको शनि लगा है तथा गांव की गौरी गीत सुनाकर तालियां बटोरी। पेंशनर समाज के अध्यक्ष जय किशन जोशी, अम्बालाल जोशी, चन्दनसिंह, भुवनेश जोशी मौजूद रहे।
Source: Barmer News