गजेंद्र सिंह दहिया
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने शास्त्रों में वर्णित चिकित्सा मंत्रों पर शोध शुरू किया है। इसके लिए विवि में योग चिकित्सा एवं मंत्र चिकित्सा केंद्र की स्थापना की गई है। इसमें चारों वेदों के अलावा आयुर्वेद और चरक संहिता में उल्लेखित चिकित्सा मंत्रों पर शोध करके बीमारी से संबंधित प्रोटोकॉल तैयार किया जाएगा। विवि ने मंत्र का पहला सफल ट्रायल रात्रि सूक्तम् मंत्र का अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र पर आने वाले मरीजों पर किया गया।
बासनी निवासी अनिल 15 साल से अफीम का सेवन कर रहा था। अफीम छोड़ने के बाद उसे रात में नींद बंद हो गई। केवल डेढ़ से दो घंटे नींद आती थी। अस्पताल में अनिल को ईयर बड लगाकर रात्रि सूक्तम् मंत्र सुनाया गया, जो पांच मिनट का है। एक सप्ताह में ही अनिल को 5 से 6 घंटे की नींद आने लगी।
बिगड़ी जीवन शैली के कारण वर्तमान में डायबिटीज, तनाव, ब्लड प्रेशर, कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं। चिकित्सा मंत्रों का उपयोग इन बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाएगा ताकि भविष्य में इनके लिए दवाइयां लेने की जरूरत नहीं पड़े। विवि में प्रसव के लिए काम आने वाले चावन मंत्र, शावर मंत्र, गायत्री मंत्र, विष्णु सहस्त्रानाम् सहित अन्य मंत्रों पर शोध किया जा रहा है। इससे गुस्सा व तनाव को कम करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वर्तमान में मरीज बीमारी को दुरुस्त करने के लिए अलग-अलग पैथियों की दवाइयां लेता है। चिकित्सा मंत्रों के उपयोग के बाद दवाइयां पूरी तरह बंद हो जाएंगी।
– डॉ. चंद्रभान शर्मा, योग चिकित्सा एवं मंत्र चिकित्सा केंद्र
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ग्रंथों में लिखे हुए मंत्रों पर चिकित्सकीय शोध कार्य चल रहा है। योग साधना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
– प्रो पीके प्रजापति, कुलपति, आयुर्वेद विवि जोधपुर
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Source: Jodhpur