रेलवे ने उत्तर पश्चिम जोन में अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट विद्युतीकरण (इलेक्ट्रिफिकेशन) का काम तय समय पर पूरा नहीं होने की वजह से अब इसके लिए नया लक्ष्य तय किया है। अब मार्च 2024 तक उत्तर पश्चिम रेलवे में विद्युतीकरण कार्य पूरा किया जाएगा। पहले यह कार्य दिसम्बर 2023 तक पूरा करना था, लेकिन श्रमिकों की कमी से यह अधूरा रह गया।
हालांकि पूरे उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में अब तक 4772 किलोमीटर रूट ट्रेक का विद्युतीकरण किया जा चुका है, लेकिन जोधपुर का राजधानी जयपुर से जोड़ने वाला मार्ग अभी पूर्ण रूप से विद्युतीकृत नहीं हो पाया है। अब नए लक्ष्य अनुसार, मार्च के बाद जोधपुर से जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन के संचालन की उम्मीद है।
जोधपुर मण्डल में 490 किमी रूट बाकी
मण्डल पर अब तक करीब 1626 में से 1136 किलोमीटर रेल मार्गों का विद्युतीकरण करवा लिया गया है। वहीं मण्डल के 490 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण कार्य प्रगति पर है।
पूरे जोन में 4772 किमी रूट विद्युतीकृत, 138 जोड़ी ट्रेनें चल रही
वहीं, उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 4772 किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया है। जिसके फलस्वरूप उत्तर पश्चिम रेलवे पर 138 जोड़ी ट्रेनें विद्युत ट्रैक पर संचालित की जा रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर इस वर्ष 806 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया।
इन मार्गों का हो चुका विद्युतीकरण
– जोधपुर-मारवाड़ जंक्शन
– लूणी-समदड़ी-बालोतरा-बाड़मेर
– समदड़ी-जालोर
– राइकाबाग से भीकमकोर
– बीकानेर-नागौर-मेड़ता
– मेड़ता-डेगाना-मकराना-परबतसर
– रतनगढ़ से डेगाना वाया सुजानगढ़, लाडनूं, डीडवाना
– डेगाना-डीडवाना
– पीपाड़ राइकाबाग
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रेलवे की ओर से पूरे उत्तर पश्चिम रेलवे जोन पर विद्युतीकरण का काफी काम करवाया जा चुका है। कुछ काम बाकी रह गया है, जो मार्च तक पूरा होने की पूरी उम्मीद है।
कैप्टन शशि किरण, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, एनडब्लूआर, जयपुर
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Source: Jodhpur