बाड़मेर. सरकारी योजनाओं के लिए बनने वाली श्रमिक डायरी निर्माण मजदूरों के लिए दूर की कौड़ी बन गई है। श्रम विभाग के पास एक हजार से अधिक डायरी बकाया चल रही है। वहीं ई-मित्र पर डायरी के लिए आवेदन करने वाले श्रमिकों को जवाब मिल रहा है कि डायरी आएगी या नहीं, इसकी हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। ऐसे में श्रमिक योजनाओं के साथ मिलने वाली मदद से भी वंचित हो रहा है।
श्रम विभाग में मजूदरों का पंजीयन होने पर एक डायरी दी जाती है। जिससे श्रमिक को सरकारी योजनाओं में लाभ मिलता है। डायरी बनाने के लिए ई-मित्र पर दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है। लेकिन बाड़मेर जिला मुख्यालय पर संचालित अधिकांश ई मित्रों पर कोई मजदूर आवेदन करने जाता है तो संचालक आवेदन करना तो दूर नाम सुनते ही मना कर देते है। मजदूरों की समस्याओं को लेकर रविवार को पत्रिका टीम ने शहर में संचालित होने वाले ई मित्रों की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई कि संचालक आवेदन करने से पहले एक ही जबाव देते हैं कि आवेदन तो कर देंगे लेकिन डायरी बनकर आएगी या नहीं इसकी कोई गांरटी नहीं। ऐसे में योजनओं का लाभ लेना तो दूर की बात मजदूर आवेदन भी नहीं कर पाता है। उधर श्रम विभाग का दावा है कि ऑनलाइन जो भी पूर्ण आवेदन आते हैं, उनके मजदूर डायरी बन रही है।
समस्या आ रही यह भी
दरअसल श्रम विभाग का कार्यालय बालोतरा होने के कारण बाड़मेर के मजदूर डायरी बनाने के लिए बालोतरा नहीं जा पाते हैं। अधिकांश श्रमिकों को डायरी बनाने के लिए क्या क्या दस्तावेज लगाने हैं, इसकी भी जानकारी नहीं होती है। वहीं ई मित्र केन्द्रों पर भी आवेदन के समय कौनसे कागजात जरूरी है कि जानकारी नहीं हैं। ऐसे में मजदूर डायरी से वंचित हो रहा है।
1000 के करीब चल रही बकाया
पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि श्रम विभाग में पूर्व में किए गए आवेदनों में सितम्बर माह से अब तक 1000 के करीब आवेदन बकाया चल रहे हैं। ऐसे में वर्तमान में आवेदन करने वाले श्रमिकों को और भी इंतजार करना होगा।
डायरी बनने पर ये है फायदे
-दो बेटियों की शादी पर सहायता
-दुर्घटना होने पर 5 लाख तक आर्थिक मदद
-मकान निर्माण के लिए सहायता राशि
-लड़का-लड़की जन्म पर मदद,
-बच्चों को कक्षा 6 से उच्च शिक्षा तक छात्रवृत्ति
मजदूरों की डायरियां बन रही है
जिन श्रमिकों ने पूर्ण दस्तावेजों सहित आवेदन किया है, उनके डायरी बनी हुई है। ई मित्र संचालक आवेदन से मना कर रहे हैं तो गलत है। सम्बधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा।
रामचंद्र गढ़वीर, निरीक्षक श्रम विभाग बालोतरा
केस-1
डायरी बनवाने ई-मित्र पर गया था। वहां जवाब मिला कि आवेदन कर देंगे। लेकिन डायरी बनकर आएगी या नहीं, इसका हमें नहीं पता। फिर ऐसी स्थिति में हम आवेदन कैसे करें
-भूराराम, श्रमिक
केस-2
शहर में दो-तीन ई-मित्र पर डायरी बनवाने के लिए गया। सभी जगह आवेदन के लिए आनाकानी की गई। फिर कहा कि आवेदन तो ऑनलाइन कर देंगे, लेकिन डायरी का पता नहीं है, बनेगी या नहीं।
-दलपत, श्रमिक
शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी
ई-मित्र आमजन की सुविधा के लिए है। कोई भी संचालक आवेदन करने से मना करता है तो गलत है। ई मित्र संचालकों को पाबंद किया जाएगा। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
-मोहन कुमार चौधरी, एसीपी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग बाड़मेर
Source: Barmer News