बाड़मेर से कांग्रेस के पूर्व विधायक मेवाराम जैन समेत अन्य पर सामूहिक बलात्कार, नाबालिग पुत्री से छेड़छाड़ और नाबालिग सहेली से बलात्कार का आरोप लगाने वाली तीनों पीड़िता अपने बयान से मुकर गई हैं। इन्होंने एफआइआर में लगाए गए आरोपों से इनकार किया है। कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज करवाए बयानों में इन्होंने दबाव में आकर एफआइआर दर्ज करवाने की बात कही है।
उधर, पुलिस ने सोशल मीडिया में वायरल वीडियो को फाइल पर नहीं लिया है। पुलिस का कहना है कि प्रकरण से सबंधित वायरल वीडियो की कोर्ट में महत्ता नहीं है। यदि पीड़िता वीडियो उपलब्ध करवाए तो साक्ष्य के तौर पर शामिल किया जा सकता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रकरण में तीन पीड़िताएं हैं। सभी के पुलिस और कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करवाए जा चुके हैं। पीडि़ताएं आरोपों से पलट गईं हैं। तीनों ने एफआइआर में जो आरोप लगाए थे, उनकी तस्दीक नहीं की। बयानों में उन्होंने अवगत कराया कि कुछ लोग उनसे मिले थे और अपहरण कर लिया था। फिर जबरन हस्ताक्षर करवाकर एफआईआर दर्ज करवाई थी। पीडि़ताओं ने आरोपियों को पहचानने से इनकार किया है।
40 दिन पहले दर्ज करवाई गई थी एफआईआर
20 दिसम्बर को 35 वर्षीय महिला ने पूर्व विधायक मेवाराम जैन व रामस्वरूप आचार्य, पुलिस उपाधीक्षक आनंदसिंह, बाड़मेर के कोतवाली थानाधिकारी गंगाराम खावा, उप निरीक्षक दाउद खान, बाड़मेर प्रधान गिरधरसिंह, बाड़मेर नगर पालिका के उप सभापति सूरतानसिंह, प्रवीण सेठिया और गोपाल सिंह राजपुरोहित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। आरोपी जैन की याचिका पर हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है।
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फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। अगली सुनवाई पर आदेशों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गौरव यादव, पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) जोधपुर
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Source: Jodhpur