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जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केएल श्रीवास्तव ने एक नाटककीय घटनाक्रम के तहत अपने कार्यालय के बाहर लॉबी में जमीन पर बैठकर इस्तीफा दे दिया। कुलपति कार्यालय के अंदर नहीं गए। इस्तीफा देने के बाद अपनी सरकारी गाड़ी वहीं छोड़कर पैदल ही विवि के मुख्य द्वार से बाहर रवाना हो गए। तब एक विवि कर्मी ने अपनी कार में उन्हें अपने घर छोड़ा।

हालांकि प्रो श्रीवास्तव ने यह इस्तीफा एबीवीपी के एक घंटे तक विवि में प्रदर्शन के बाद दिया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार राजस्थान में भाजपा सरकार आने के बाद उन पर सरकार और राजभवन से इस्तीफा देने के दबाव था। कुछ दिन पहले भी अधिकारियों ने उन्हें छुट्टी पर जाने की सलाह दी थी।

विवादों में रहा प्रो श्रीवास्तव का कार्यकाल
– शिक्षक भर्ती 2012-13 में चयनित शिक्षकों को दो प्रमोशन व एरियर दिया। अब 105 शिक्षकों को असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर बनाने की तैयारी थी। इस भर्ती को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से गठित प्रो पीके दशोरा कमेटी ने घोटाला बताया, लेकिन अशोक गहलोत सरकार ने आते ही प्रो बीएम शर्मा की नई जांच कमटी गठित कर भर्ती को पाक साफ करने का प्रयास किया। फिलहाल राजभवन इस पर जांच कर रहा है और हाईकोर्ट में भी मामला है।
– भूगोल विभाग, मैनेजमेंट और बिजनेस फाइनेंस में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को पीएचडी में नियम विरुद्ध प्रवेश दिया। इतिहास विभाग में गड़बड़ी के आरोपों की जांच आरोपी को ही दे दी।
– कांग्रेस से जुड़े प्रो एसएल मीणा को डॉ दिनेश गहलोत का ऑर्डर निरस्त कर पांच दिन पहले लोकप्रशासन विभाग का एचओडी बना दिया।

छात्रों ने कार रोकी, एक घंटे प्रदर्शन
एबीवीपी ने विवि के केंद्रीय कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस बीच कुलपति प्रो श्रीवास्तव कार्यालय पहुंचे। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आनंद पारीक और सचिन राजपुरोहित के नेतृत्व मेंकुलपति की गाड़ी गेट पर ही रोक ली। नारेबाजी शुरू कर दी और गाड़ी आगे नहीं जाने दी। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। कार्यकर्ताओं ने अपनी 85 मांगों का ज्ञापन दिया। इस दौरान कुलपति भी कुछ छात्रों पर गुस्सा हो गए। आखिर उन्होंने कार्यालय के अंदर अपने पीए को फोन करके इस्तीफा टाइप करके लाने को कहा।

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पीए इस्तीफा लेकर पहुंचा तो कुलपति लॉबी में जमीन पर बैठ गए और अपना पेन निकालकर उस पर हस्ताक्षर कर वापस पीए को इस्तीफा दे दिया। इस संबंध में प्रो केएल श्रीवास्तव से मोबाइल पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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Source: Jodhpur

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