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क्या आज मुख्यमंत्री के सामने खुलेगा नाबालिग की मौत का राज?
बाड़मेर.
पंद्रह दिन पहले एक नाबालिग की पुलिस और आश्रय स्थल के संरक्षण में हुई मौत को लेकर डिप्टी एवं एडीएम के पास जांच दे दी गई लेकिन गंभीर मामले में लापरवाही को लेकर कोई कायज़्वाही नहीं हुई है। नाबालिग की मौत को कलक्टर और एसपी ने गंभीर मानते हुए यह जांच अधिनस्थ अधिकारियों को सौंपी थी।
हत्या के एक मामले में 3 फरवरी को पुलिस पूछताछ के लिए लाई गई एक नाबालिग को पुलिस ने शहर के आश्रय स्थल को सुपुदज़् किया। आश्रय स्थल से निकलकर इस नाबालिग ने रेल के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। नाबालिग के पिता ने ज्ञापन दिया था कि पचपदरा थाना पुलिस ने उसकी पुत्री व पुत्र को हिरासत में लेकर उनके साथ मारपीट की। उन्हें हत्या के मामले में ले गए थे। इसके बाद रात को उसकी नाबालिग बेटी को बिना किसी सुरक्षा व काउसंलिंग के नगर परिषद के आश्रय स्थल में छोड़ दिया था, वहां से अगले दिन सुबह बताया गया कि रेलगाड़ी के बाद कूद आत्महत्या कर ली । आत्महत्या के बाद पुलिस ने मेरे पुत्र को डरा-धमका खाली कागज पर हस्ताक्षर करवा जेसीबी मशीन से गड्ढा खोद मेरी बेटी को दफना दिया ।
एडीएम-डिप्टी को सौंपी जांच
6 फरवरी को कलक्टर ने प्रशासनिक जांच एडीएम और एसपी ने डिप्टी का सौंपी थी। दोनों ही अधिकारियों ने इस मामले को गंभीर बताते हुए जांच दी।
राजस्थान पत्रिका ने मामले की परतें खोली
पत्रिका ने गंभीर लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना तरीके से हुई इस आत्महत्या पर सवाल उठाए। पत्रिका में प्रकाशित समाचार आश्रय स्थल से निकलकर नाबालिग ने की आत्महत्या, विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता ने कहा-सरकार करवाए मामले की जांच और लापरवाही कौन के बाद प्रशासन हरकत में आया और परिजन भी सामने आए।
पुलिस से जवाब मांगा
पुलिस से इस मामले में जवाब मांगा गया है। जवाब अभी नहीं मिला है।
राजकुमार कस्वां, अतिरिक्त जिला कलक्टर
मामले में अभी जांच कर रहे है।
भूपेन्द्र चौधरी, डिप्टी

Source: Barmer News

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