Posted on

धर्मवीर दवे

बालोतरा. लाल सुर्ख अनार की खेती से कभी मालामाला बनने वाले जिले के किसान कीमतों में दूसरे वर्ष गिरावट, कमजोर बिकवाली व असमान मौसम से 20 से 25 फीसदी अनार फटने पर अब कर्जदार बनने की कगार पर पहुंच गए हंै। अनार के ऊंचे भाव , घटकर आधे से भी कम होने से जिले के हजारों किसानों के चेहरों की रंगत उड़ गई है। अनार बागवानी खेती में लाखों रुपए खर्च कर चुके किसानों को लागत राशि नहीं मिलने से इनकी रातों की नींद उड़ गई है।

2010 में गांव बुड़ीवाड़ा, जागसा के डेढ़ दर्जन भर किसानों ने प्रथम बार नवाचार करते हुए 32 हैक्टेयर में अनार के पौधे लगाए थे। इस खेती के होने न होने को लेकर इन्हें स्वयं जहां संशय था, वहीं लोगों ने इस कार्य पर इनका मजाक भी उड़ायाए लेकिन इनकी मेहनत पर तीन वर्ष बाद पौधे खूब फले-फूले व भरपूर मिली पैदावार पर दूसरे किसानों ने अनार खेती को हाथोंहाथ अपनाया।

गांवगांव लहलहा रहे बगीचे-

बुड़ीवाड़ा,जागसा गांव में अनार बगीचे फलने-फूलने व भरपूर पैदावार मिलने पर इससे प्रेरित जिले के किसानों ने इस खेती में रुचि लगाई। इस पर आज जिले के एक से दूसरे छोर तक सैकड़ों गांवों में अनार के बगीचे लगे हुए हंै। हजारों किसान इस खेती को कर रहे हैं। एक अनुमान के तौर पर वर्तमान में जिले में करीब 25 हजार हैक्टेयर में अनार के बगीचे लगे हुए हंै।

भाव अर्श से फर्श पर, हजारों किसान परेशान- 2013 में पहली फसल करीब 70 रुपए प्रतिकिलो दर से बिकी। 2014 में प्रतिकिलो 80 से 85 रुपए किलो व 2015 में सबसे ऊंची कीमत पर 100 से 110 रुपए किलो से बिकी। इसके बाद भाव गिरे और गत वर्ष 40 से 45 रुपए व वर्तमान में इसके भाव 30 से 40 रुपए किलो होने से हजारों किसानों की रातों की नींद उड़ गई है।

तापमान बना बैरन, 20-25 प्रतिशत नुकसान- अनार के भावों में भारी गिरावट के साथ इस वर्ष तापमान किसानों के लिए बैरन बना है। दिन व रात के तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव, इस वर्ष अधिक सर्दी पडऩे से अनार का फल अधिक फट रहा है। करीब 20 से 25 फीसदी फल फटने से किसानों की हालत खस्ता हो गई है।

किसानों को इसे मजबूरी में 15 से 20 किलो भार से बेचनी पड़ रही है। क्योंकि पौधे पर फटी अनार को पक्षी नुकसान पहुंचाते तो तोडऩे पर यह कुछ दिनों बाद खराब हो जाती है।

किसानों की जुबानी –

दूसरे वर्ष लगातार अनार के भाव कमजोर होने से हालत खस्ता हो गई है। खेती पर किया खर्च व मेहनत जितनी मजदूरी मिलना मुश्किल हो गया है।

अशोक पटेल, सूरसिंह का ढाणा

कमजोर भावों से पहले ही अधिक परेशान है। इस पर तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव से अनार फटने से बिकवाली प्रभावित हो रही है। कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है।

स्वरूपसिंह जागसा

इस वर्ष पड़ी अधिक सर्दी, तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव से 20 से 25 फीसदी अनार फटने से भारी नुकसान हुआ है। किसान मालामाल होना दूर कर्जदार हो जाएंगे।

कलाराम चौधरी, सीहों की ढाणी

अनार की फसल किसानों के लिए बैरन बन गई है। महंगी खेती , हर वर्षघ् ाटते भावों से मेहनत के पूरे दाम नहीं मिल रहे हैं। भावों में बढ़ोतरी नहीं होने पर कर्जा उतारना मुश्किल हो जाएगा।

गोपाराम पारंगी किसान बुड़ीवाड़ा

सरकार किसानों को उचित मूल्य उपलब्ध करवाने को लेकर दावे तो बढ़चढ़ करती है, लेकिन स्थिति बिलकुल उल्टा है। अनार के कम भाव व कमजोर बिकवाली से हालत खस्ताहाल है।

तुलसाराम चौधरी, निंबाला सरा

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *