शिक्षक विद्यालयों में गुटखा, जर्दा, सिगरेट सहित अन्य धूम्रपान के सामान लेकर नहीं जाएं। विद्यालयों के आस-पास ही इन्हें बेचना भी मना है, लेकिन शिक्षक खुद इसका सेवन करते हैं। ऐसा करने पर हो सकता है कोई गांव वाले आपको ही कूट दें, ऐसे में पुलिस वाले भी कार्रवाई नहीं करेंगे, क्योंकि अपराधी तो आप स्वयं ही हो। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने सोमवार शाम को जिला परिषद सभाभवन में शिक्षा विभाग व पंचायतीराज विभाग की बैठक में यह बात कही।
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शिक्षा विभाग को दिए निर्देश
-शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
– राज्य के विद्यालयों में कुल पदों के खिलाफ 75 प्रतिशत ही शिक्षकक है। ऐसे में हर विद्यालय में इसी अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति करें
-प्रतिनियुक्ति लेकर सुविधा के अनुसार लगे शिक्षक को तुरंत रिलीव करवाएं, अन्यथा पत्र भेज कर अवगत करवा दें कि अपकी तनख्वाह नहीं बनने वाली है।
– विद्यार्थी निर्धारित गणवेश में आएं। सूर्य नमस्कार अब रोजाना के लिए अनिवार्य है। सुबह बच्चों के साथ शिक्षक भी सूर्य नमस्कार करें।
– मदरसों में भवन, शिक्षा व्यवस्था तथा गणवेश को लेकर नियमों की पालना हो रही है कि नहीं? जहां भी सरकारी नियमों की पालना नहीं हो रही उन्हें करवाएं। जो नियम अनुसार नहीं चल पाते उन्हें तुरंत बंद करवाएं।
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पंचायतीराज विभाग
गांवों में व्यक्तिगत शौचालयों को लेकर मंत्री ने जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह निश्चित करें कि गांवों में कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं जाएं। सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक बोतलों का प्रयोग बंद करने के निर्देश दिए। बैठक में चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, जिला कलक्टर डॉ. निशांत जैन, जिला पुलिस अधीक्षक नरेन्द्रसिंह मीणा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ पलनीचामी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
Source: Barmer News