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Citizenship Amendment Act (CAA) : नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए लागू होने से देशभर में उत्साह है। लोकसभा चुनाव से पहले इसे मास्टर कार्ड के तौर पर देखा जा रहा है। राजस्थान में जोधपुर ऐसा शहर है जहां सर्वाधिक हिन्दू पाक विस्थापित रहते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इससे बड़ा तबका लाभांवित होगा, लेकिन दूसरी ओर हजारों विस्थापित इस एक्ट के लागू होने के बावजूद नागरिकता नहीं ले पाएंगे। इसके दो बड़े कारण हैं। पहला तो कई लोग एलटीवी ही नहीं बना पाए हैं, दूसरा केन्द्र सरकार ने जो 31 दिसम्बर 2014 से पहले की शर्त रखी है, उसमें भी कुछ लोग वंचित रह जाएंगे।

धार्मिक वीजा पर आते हैं
पाकिस्तान से हिंदू विस्थापित सबसे पहले धार्मिक वीजा या टूरिस्ट वीजा लेकर आते हैं। यहां छह माह बाद अपना वीजा बढ़ाते हैं। फिर अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर छह महीने और दो साल के लिए एलटीवी लेते हैं। जोधपुर में एफआरओ की ओर से जांच होती है। शहर में तीन अलग-अलग क्षेत्रों में इनकी बस्तियां हैं।

गिरोह भी सक्रिय
पाक विस्थापितों को नागरिकता दिलाने और प्लॉट बेचने वाला गिरोह भी सक्रिय है। पिछले साल ऐसी ही अवैध बस्ती पर जेडीए ने कार्रवाई की थी। जिसमें सामने आया कि कुछ लोगों ने एक-एक लाख रुपए लेकर पाक विस्थापितों को प्लॉट बेचे थे। यह सरकारी जमीन थी, जिस पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई। इसके बाद कई परिवार फिर से सड़क पर आ गए।

यहां विस्थापित कॉलोनी भी लेकिन लोग नहीं बसे
जेडीए की ओर से पाक विस्थापित लोगों के लिए कॉलोनी भी काटी गई। इमसें 1700 प्लॉट रखे गए, लेकिन रिजर्व प्राइज इतनी अधिक है कि विस्थापित लोग इसे लेने नहीं आ रहे। दूसरी ओर इस योजना में वे ही पात्र हैं, जो कि भारतीय नागरिकता रखते हैं।

जोधपुर में ऐसा है विस्थापितों का गणित
– 18200 लॉन्ग टर्म वीजा धारक है जोधपुर में।
– 5000 के करीब ऐसे लोग हैं जिनको अब तक एलटीवी भी नहीं मिला है।
– 10000 एलटीवी वीजा धारक फिलहाल नागरिकता का लाभ नहीं ले पाएंगे। क्योंकि सीएए में ऐसी शर्त है।
– 2000 लोगों को पिछले 5 साल में नागरिकता मिली थी।
– 15 साल से अधिक समय से एलटीवी में रह रहे हैं

बंगाली क्वार्टर में लोगों ने मनाई खुशियां
सीएए लागू होने के बाद कमला नेहरू नगर क्षेत्र के बंगाली क्वार्टर में स्थानीय निवासियों ने शंख एवं थालियां बजाने के साथ पटाखे छोडक़र खुशियां मनाई। बंगाली क्वार्टर के निवासियों ने बताया कि 1971 में हम बांग्लादेश से विस्थापित के रूप में भारत में निवास करने आए थे। काफी लंबे समय से भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

एक शर्त से हजारों वंचित
पिछले कई दशकों से हम हिंदू पाक विस्थापितों की नागरिकता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह बड़ी राहत होगी, लेकिन अब भी एक शर्त रखने से हजारों लोग इससे वंचित रह जाएंगे। पाकिस्तान से आने वाले विस्थापितों के लिए जोधपुर एक बड़ा सेंटर है। धार्मिक वीजा लेकर यहां आते हैं और इसके बाद एलटीवी पर रहने लगते हैं। कुछ लोग तो एलटीवी भी नहीं ले पाते, क्योंकि उनके पास दस्तावेज भी पूरे नहीं होते। हमारा संघर्ष काफी हद तक सफल हुआ है, लेकिन अभी और बाकी है।
– हिन्दू सिंह सोढ़ा, अध्यक्ष, सीमांत लोक संगठन

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भाजपा ने वादा पूरा किया
भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने मैनिफेस्टो में इस अधिनियम को लागू करने का वादा किया था, जो आज पूरा किया। हालही में विधानसभा सत्र में पाक विस्थापितों के लिए विशेष पैकेज की मांग मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से की गई थी, जिस पर उन्होंने विशेष पैकेज की घोषणा की है।
– देवेन्द्र जोशी, सूरसागर विधायक

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Source: Jodhpur

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