अविनाश केवलिया
Rajasthan News : राजस्थान का पहला और देश का दूसरा फिनटेक आधारित संस्थान परवान चढ़ने से पहले ही ठंडे बस्ते में जाता नजर आ रहा है। 672 करोड़ के इस बड़े प्रोजेक्ट को कांग्रेस सरकार ने धरातल पर उतारा था। एक बड़ा बजट भी भवन के लिए जारी हो गया, लेकिन अब तक न तो भवन बना है और न ही वैकल्पिक तौर पर कोई कोर्स शुरू हो पाए हैं। हर साल 500 से ज्यादा नौकरियां फाइनेंस व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देने का वादा करने वाला यह संस्थान दो साल में एक भी कोर्स शुरू नहीं कर पाया है।
नए जमाने की एजुकेशन पर फोकस
इस संस्थान में मुख्य रूप से चार आधारभूत एजुकेशन मॉडल पर कोर्स डिजाइन किए गए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), इंटरनेट ऑफ थिंक (आइओटी), मशीन लर्निंग (एमआइ), रोबोटिक्स, ऑटोमेशन व कंप्युटरीकृत मैन्युफैक्चरिंग। अधिकांश पढ़ाई ऑनलाइन होगी। प्रैक्टिकल के लिए लैब एवं सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर भी बिल्डिंग में प्रस्तावित किया गया है।
कोर्स डिजाइन ऐसा
सर्टिफिकेट कार्यक्रम एक साल, स्नातकोत्तर कार्यक्रम 2 साल और स्नातक कार्यक्रम 3 से 4 साल तक के होंगे। प्रत्येक क्लास में 30 अथवा 60 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। हर साल 10 छात्र पीएचडी करके निकलेंगे। इसके बाद 500 स्टूडेंट्स को हर साल न्यू जनरेशन जॉब का दावा किया गया था।
चुनावी फेर में अटका
सरकार बदलने के साथ ही काम भी गति भी धीरे हो गई। अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में काम फिर अटक जाएगा। खास बात यह है कि इस काम को पूरा करने व डिजाइन कोर्स को लागू करने के लिए में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को निर्णय करने हैं, लेकिन वह इसमें रुचि नहीं ले रहा है। इस प्रोजेक्ट के प्रभारी व उप निदेशक जे.पी ज्याणी बताते हैं कि ठेकेदार को वर्कऑर्डर दिया है, ऐसे में काम तो चल ही रहा है।
एक नजर में फिनटेक संस्थान
– 672 करोड़ लागत है इस प्रोजेक्ट की।
– 31 पाठ्यक्रम इसमें प्रस्तावित थे।
– 4 हजार स्टूडेंट्स को एडमिशन देने का प्रावधान।
– मार्च 2024 तक पूरा करना था काम।
– 6 महीने आगे खिसका है इसको पूरा करने का टारगेट।
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Source: Jodhpur