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World Water Day : पानी की कीमत थार रेगिस्तान से बेहतर और कौन समझ सकता है। मारवाड़ में राजीव गांधी लिफ्ट केनाल आने के बाद से ही खुशहाली आई। पिछले तीन साल से इस केनाल में दो महीने का क्लोजर लिया जाता है। इस क्लोजर की तैयारी छह महीने पहले ही शुरू हो जाती है। 24-24 घंटे के शटडाउन लिए गए, इसी का परिणाम है कि प्रमुख जलाशय कायलाना-तख्तसागर को पूरा भर दिया है। हालांकि इस बार पेयजल के लिए कटौती नहीं होगी, लेकिन पंजाब से इंदिरा गांधी नहर में आने वाले पानी आधा कर दिया गया है।

322 एमसीएफटी पानी
कायलाना-तख्तसागर जलाशय में 322 एमसीएफटी पानी नवम्बर से मार्च के बीच संचित किया है। पानी की कटौती कर इसके अलावा सुरपुरा व ग्रामीण क्षेत्र में कई डिग्गियां भी भरी गई हैं। यानि क्लोजर में पानी की किल्लत न हो इसकी भी व्यवस्था की गई है।

चुनावी फेर में क्लोजर स्थगित, मगर पानी आधा
लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान सरकार ने मार्च-अप्रेल में नहरबंदी से पैदा होने पेयजल संकट को टालने के लिए इसे स्थगित करने की घोषणा तो कर दी, लेकिन पंजाब ने छह हजार क्यूसेक पेयजल की जगह तीन हजार क्यूसेक ही देकर राजस्थान की परेशानी बढ़ा दी है। आंशिक नहरबंदी शुरू हो चुकी है। हालांकि पूर्णकालिक नहरबंदी जो हर साल होती है इसके लिए अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन अभी अगले 30 दिन तक इसके लिए भी इंतजार किया जाएगा। नहर में आधा पानी छोड़ने से सिंचाई के पानी पर असर पड़ेगा।

आंशिक नहरबंदी की मांग
राजस्थान सरकार ने पंजाब सरकार को पत्र भेजकर 21 अप्रेल से 20 मई तक प्रस्तावित पूर्ण नहरबंदी की जगह आंशिक नहरबंदी (केवल सिंचाई पानी की आपूर्ति) ही रखने को कहा था। इस पर भी अभी तक पंजाब ने अंतिम निर्णय कर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है।

समझिए हमने कैसे बचाया पानी
– जब पूर्णकालिक नहरबंदी होती है तो 30 दिन तक आधा पानी मिलता है। इसके बाद 20 दिन तक नहर व केनाल में जमा पानी से ही काम चलाया जाता है। अंतिम 10 दिन शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में संचित जलाशयों से काम चलाया जाता है।
– अंतिम 10 दिन शहर में जिस संचित पानी से काम चलाया जाता है, उसके लिए पांच महीने पहले से ही पानी स्टोर किया जाता है।
– हर 10 से 15 दिन में 24 घंटे पानी का शटडाउन लिया जाता है। इसमें पूरे शहर में पानी सप्लाई नहीं होती। इसी से कायलाना का जलस्तर अपडेट किया जाता है।
– इसी बचत के कारण कायलाना अपनी उच्चतम क्षमता के करीब पहुंच चुका है।

हमने पूरी तैयारी कर ली है
अभी तक किसी प्रकार की अधिसूचना नहीं आई है। हमने तैयारी पूरी कर ली है। फिलहाल पेयजल के लिए पानी मिल रहा है।
– नीरज माथुर, मुख्य अभियंता प्रोजेक्ट, पीएचईडी

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Source: Jodhpur

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