भाजपा में शिव और बाड़मेर से बगावत हुई। भाजपा शिव के निर्दलीय विधायक रविन्द्रसिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) को मनाने के प्रयास कर रही है, लेकिन वो मान नहीं रहे हैं। दो दिन लगातार क्षेत्र में रहने के बाद में लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड पर चर्चा ज्यादा रही। इधर, बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी को अभी तक प्रदेश स्तर से कोई मान मनोव्वल नहीं हुई है। भाजपा का बागियों से फासला दूर नहीं होने से यह रोचकता बनी हुई है कि अब होगा क्या?
रविन्द्र सिंह- नहीं माने
शिव विधायक रविन्द्रसिंह भाटी को मनाने के लिए मुख्यमंत्री स्तर पर बैठक हुई और उच्च स्तरीय संदेश लगातार आए, लेकिन रविन्द्र इन मुलाकातों को यह कहकर टाल आए कि मैं जनता के बीच में जाऊंगा और उनका जो फैसला होगा वो करूंगा। यहां आने के बाद में लगातार चुनाव लड़ने को लेकर बात हो रही है। बताया जा रहा है कि रविन्द्रसिंह लोकसभा चुनावों की तैयारी पूरी कर चुके हैं और अब समर्थक भी उनको चुनाव लड़वाने के लिए बात कर रहे हैं। ऐसे में रविन्द्रसिंह ने बात मानी नहीं है।
प्रियंका को मनाया नहीं
बाड़मेर से विधायक प्रियंका चौधरी ने भी विधानसभा चुनावों में बागी चुनाव लड़ा और जीत गई। इसके बाद से प्रियंका लगतार पार्टी के लोगों के संपर्क में भी रही, लेकिन उनको भाजपा में वापिस नहीं लिया गया। अभी लोकसभा के इस दौर में भी प्रदेश स्तर से प्रियंका की मान मनोव्वल नहीं हुई है।
कैलाश चौधरी के लिए परीक्षा
कैलाश चौधरी के लिए चुनावों से पहले यह परीक्षा अभी भी बनी हुई है कि वे समीकरणों को साधेंगे कैसे? बागियों के साथ उनके समर्थकों को मनाना और अपनी तरफ करने की चुनौती अभी भी बनी हुई है। इधर, दोनों मुख्य दलों के प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब प्रचार-प्रसार भी तेज होगा।
जनता से राय लेंगे
मुझे अभी प्रदेश स्तर से किसी ने मान मनोव्वल नहीं की है। स्थानीय स्तर पर चर्चा जरूर होती है। अब लोकसभा में क्या निर्णय लेना है, यह जनता पर रहेगा।
– प्रियंका चौधरी, विधायक बाड़मेर
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Source: Barmer News