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Rajasthan News: राजस्थान में संचालित ज्यादातर संस्कृत स्कूलों का हाल क्या है, यह देखना है तो बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी इलाके में जाइए। यहां की आडेल पंचायत समिति के राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय एड छोटू में केवल एक शिक्षक बलवंतराज गौड़ है, जो पहली से आठवीं तक के बच्चों को अकेले पढ़ाता है। इसी शिक्षक को विभाग ने संस्था प्रधान भी बनाया हुआ है। चिंताजनक यह है कि यह अकेला शिक्षक भी आगामी 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएगा। इस स्कूल में पहले 150 बच्चों का नामांकन था, जो अब घटकर 40 रह गया है। स्कूल बंद होने का खतरा है, इसलिए टीसी लेने के लिए रोजाना बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंच रहे हैं। अभिभावक अपने बच्चों को इस स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहते, क्योंकि गत चार साल से केवल एक शिक्षक के भरोसे पर बच्चों की पढ़ाई चल रही है। स्कूल में चल रही आठ कक्षाओं को संभालना एक शिक्षक के लिए काफी मुश्किल है। फिर भी एकमात्र शिक्षक बलवंतराज कोशिश जारी रखे हुए हैं।

चार साल से नहीं बदले हैं हालात
चार वर्ष पहले इस विद्यालय में 2 शिक्षक कार्यरत थे। एक शिक्षक का स्थानांतरण हो गया। पढ़ाई को लेकर एक शिक्षक बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। लम्बे समय से पद रिक्तता के चलते अब अभिभावक विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिलाना नहीं चाहते हैं।
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इसलिए चिंता बढ़ी अभिभावकों की
स्कूल में अब केवल 40 बच्चों का नामांकन है। हर साल यहां से छात्रों के टीसी ले जाने का सिलसिला बना हुआ है। इस बार ज्यादा ही अभिभावक टीसी के लिए ज्यादा ही आ रहे हैं। स्कूल के एकमात्र शिक्षक भी 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
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विद्यालय में अध्यापकों की कमी को लेकर कई बार विभाग एवं जनप्रतिनिधियों को लिखा, लेकिन शिक्षक नहीं मिले। अध्यापक नहीं होने के कारण अभिभावक बच्चों की टीसी मांग रहे हैं। अगामी 30 जून को मेरी भी सेवानिवृत्ति है। समय रहते इस स्कूल के संचालन के लिए शिक्षक लगाने चाहिएं।
-बलवंतराज गौड़, प्रधानाचार्य

Source: Barmer News

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