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जोधपुर।
पिछले डेढ़ साल से अनुपस्थित और निलम्बित एएसआइ को मण्डोर थाना पुलिस ने भींयाली बेरा में मकान से गिरफ्तार किया। पुलिस ने मकान में दबिश दी तो वह पलंग में छुप गया था, लेकिन पुलिस ने उसे ढूंढकर पकड़ लिया। वह मध्यप्रदेश के नीमच में मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले में सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स (सीबीएन) का आरोपी है। बाद में उसे सीबीएन को सौंप दिया गया।
दरअसल, वर्ष 2022 में मध्यप्रदेश की नीमच में सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स सीबीएन ने एनडीपीएस एक्ट का मामला दर्ज किया था। इसकी जांच में पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर का एएसआइ मोहनलाल बिश्नोई की भूमिका सामने आई थी। इसका पता लगते ही एएसआइ गायब हो गया था। तब वह पुलिस स्टेशन माता का थान में पदस्थापित था। ड्यूटी से अनुपस्थित होने के चलते उसे निलम्बित कर दिया गया था। इस बीच, पुलिस को उसके भींयाली बेरा में मकान में होने की सूचना मिली। अधिकारियों को मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने मकान में दबिश देकर तलाशी ली, लेकिन एएसआइ नहीं मिला।
पुलिस ने इस संबंध में अधिकारियों को अवगत करवाया। पुख्ता सूचना होने पर पुलिस को दुबारा गहन तलाशी लेने के निर्देश दिए गए। पुलिस ने दुबारा तलाशी ली तो एक कमरे के पलंग में आरोपी छुपा मिला। जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उसे थाने लाया गया, जहां शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर सीबीएन को सूचित किया। सीबीएन के अधिकारी जोधपुर पहुंचे और उसे हिरासत में लेकर साथ ले गए।
पुलिस को पेश करने के लिए मिल रहे थे नोटिस
वर्ष 2022 के एनडीपीएस एक्ट के मामले में एएसआइ के अनुपस्थित होने के बाद तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। तब उसे निलम्बित कर दिया गया था। सीबीएन ने पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर को अनेक नोटिस भेजकर एएसआइ को पेश करने का आग्रह किया था।
पैरोल से फरार भांजे की भी थी सूचना
पुलिस का कहना है कि एएसआइ मोहनलाल का भांजा पैरोल पर जेल से फरार है। उसके भी मकान में छुपे होने की सूचना मिली थी, लेकिन वो पकड़ में नहीं आ पाया।
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‘सीबीएन में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में एएसआइ आरोपी है। वह ड्यूटी से अनुपस्थित होने से निलम्बित था। उसे पकड़कर सीबीएन को सौंपा गया है।’
आलोक श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त पूर्व जोधपुर।

Source: Jodhpur

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