जोधपुर।
साले की हत्या के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए डांगियावास बाइपास पर ट्रक में आग लगाकर दो व्यक्तियों को जिंदा जलाने वाला चालक अभी तक तिहाड़ जेल में ही बंद है। डांगियावास थाना पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंची थी, लेकिन आरोपी को अगले माह दिल्ली कोर्ट में पेशी होने के चलते गिरफ्तार नहीं किया जा सका। अब उसे संभवत: अप्रेल के प्रथम सप्ताह में गिरफ्तार कर जोधपुर लाया जाएगा।
पुलिस के अनुसार प्रकरण में मूलत: दिल्ली के उत्तर नगर हाल नजफगढ़ निवासी बालेश कुमार व उसके पिता चन्द्रभान सोनी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। वहीं, बालेश का भाई भीमसिंह, महेन्द्रसिंह व विशनलाल, पत्नी संतोष, साले निरंजन कुमार, सास मूर्तिदेवी, भाभी प्रेम व अनीता और ससुर किशनचंद को भी आरोपी बनाया गया है। फर्जी आधार कार्ड बनाने के संबंध में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर बालेश को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, साले खुशीराम की हत्या के आरोप में भी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे तिहाड़ जेल भिजवाया था। धोखाधड़ी के मामले में उसकी दिल्ली कोर्ट में 2 अप्रेल को पेशी है।
बालेश से पूछताछ में दोनों मृतकों की शिनाख्त की उम्मीद
एक मई 2004 को डांगियावास बाइपास पर दिल्ली नम्बर के ट्रक में आग लग गई थी। उसमें सवार दो व्यक्ति जिंदा जल गए थे। ट्रक के पंजीयन नंबर से पुलिस ने बालेश के पिता चन्द्रभान से सम्पर्क किया था। वो व अन्य परिजन जोधपुर आए थे और कंकाल की शिनाख्त अपने पुत्र बालेश के रूप में की थी। जबकि वो जिंदा था। खलासी की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। जांच के दौरान पुलिस दिल्ली में ट्रांसपोर्ट नगर गई थी, जहां अजीत जोधपुर गुजरात रोडलाइसं नामक ट्रांसपोर्ट कम्पनी से ट्रक के जोधपुर जाने की पुष्टि हुई थी। बालेश ने वहीं से खलासी को साथ लिया था। तिहाड़ जेल में पुलिस ने बालेश से पूछताछ की तो उसने ट्रांसपोर्ट नगर से दो खलासी साथ लेने की जानकारी दी थी। यह दोनों कौन थे इस संबंध में पता नहीं लग पाया है। बालेश से पूछताछ में संभवत: खुलासा हो पाएगा।
Source: Jodhpur