जोधपुर/ओसियां।
जोधपुर ग्रामीण जिले के ओसियां थानान्तर्गत सामराऊ गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पदस्थापित व्याख्याता विवादों में घिर गया है। उसने आरपीएससी की ओर से दो साल पहले आयोजित स्कूल व्याख्याता (इतिहास) भर्ती परीक्षा में खुद के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा उत्तीर्ण की थी। परीक्षा के आवेदन पत्र और परीक्षा केन्द्रों में फोटो से मिलान न होने पर शिक्षा विभाग ने जांच की तो गड़बड़ी की पुष्टि हुई। व्याख्याता के खिलाफ ओसियां थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयदेव सिहाग ने बताया कि सामराऊ गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य माधाराम पुत्र रणजीतराम बिश्नोई ने स्कूल के व्याख्याता (इतिहास) कापरड़ा के जाम्बनगर निवासी महिपाल पुत्र सोनाराम के खिलाफ धोखाधड़ी और राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई गई है। जांच की जा रही है।
फर्जी अभ्यर्थी से 262वीं रैंक हासिल की थी
एफआइआर में आरोप है कि आरपीएससी की ओर से वर्ष 2022 में स्कूल व्याख्याता (इतिहास) भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। जोधपुर शहर में परीक्षा केन्द्र आए थे। जाम्बनगर निवासी महिपाल ने ऑनलाइन आवेदन पत्र भरा था। उसने परीक्षा खुद न देकर फर्जी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलवाई थी। जिसके फलस्वरूप उसका चयन हो गया था। उसने 262वीं मैरिट हासिल की थी। चयन के बाद शैक्षणिक व आवेदन पत्र के साथ परीक्षा केन्द्र से दस्तावेजों की जांच की गई थी। इसमें सामने आया कि ऑनलाइन आवेदन पत्र के साथ अपलोड फोटो और परीक्षा कक्ष में उपस्थित पत्रकों पर लगाए फोटो से महिपाल के चेहरे से मिलान नहीं हुआ था। संदेह होने पर विभाग ने जांच करवाई थी। जिसमें गड़बड़ी की पुष्टि हो गई थी। इस बीच, महिपाल की सामराऊ गांव में राउमावि में नियुक्ति हो गई थी। जांच रिपोर्ट विद्यालय के प्राचार्य को भेजा गया। स्कूल शिक्षा विभाग जोधपुर संभाग के संयुक्त निदेशक और मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी समग्र शिक्षा ओसियां के आदेश पर प्राचार्य ने एफआइआर दर्ज करवाई।
अब जांच के लिए कमिश्नरेट भेजी जाएगी एफआइआर
पुलिस का कहना है कि चूकि व्याख्याता सामराऊ के राउमावि में पदस्थापित है। इसलिए जांच रिपोर्ट मिलने के बाद प्राचार्य ने ओसियां थाने में व्याख्याता के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया। जबकि परीक्षा केन्द्र पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर के क्षेत्र में आयोजित की गई थी। अब एफआइआर को गैर इलाका मानकर अग्रिम जांच के लिए पुलिस कमिश्नरेट भेजी जाएगी।
Source: Jodhpur