सिणधरी। बाड़मेर जिले सहित राज्य भर में सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने किसानों को बिना ब्याज दिए जाने वाले अल्पकालीन ऋण में 3 दिन के बाद किसानों को 7 प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ेगा। हर साल अल्पकालीन ऋण चुकाने के लिए 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून तक का समय दिया जाता था, लेकिन अब 3 दिन का समय बचा है। अभी तक तिथि बढ़ाने को लेकर कोई भी निर्देश नहीं मिले हैं। किसानों को अब 31 मार्च के बाद पूरे वर्ष का ब्याज चुकाने की चिंता सता रही है।
440 करोड़ पर लगेगा 7 प्रतिशत ब्याज
जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले में 31 मार्च के बाद बिना ब्याज ऋण चुकाने की तिथि नहीं बदलने के चलते अब तक डेढ़ लाख के करीब किसानों के बकाया ऋण पर 7 प्रतिशत से 440 करोड़ रुपए की राशि का ब्याज चुकाना पड़ेगा। जिसके चलते किसानों की जेब पर भार बढ़ेगा। निशुल्क मिलने वाले ऋण का फायदा भी नहीं मिलेगा।
किसानों ने लिखा पत्र
किसानों को फसल खराब होने के बाद अल्पकालीन ऋण जमा करवाने को लेकर किसानों के पास पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिसको लेकर पत्र लिख ऋण जमा करने की तिथि बढ़ाने की मांग की, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव आचार संहिता के चलते अभी तक कोई भी तिथि बढ़ाने को लेकर संकेत नहीं मिले हैं। जिसके चलते किसानों को ब्याज का भार उठाना पड़ेगा।
ब्याज नहीं चुकाने पर किसानों के खाते हो जाएंगे ओवरड्यू
दी राजस्थान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की जानकारी के अनुसार 31 मार्च तक किसान बिना ब्याज अपना ऋण चुका कर रसीद प्राप्त कर सकते हैं। उसके बाद ब्याज सहित जिस दिन से ले गई राशि से 12 माह का ब्याज लौटाना होगा, ब्याज नहीं लौटाने पर किसान का खाता ओवरड्यू हो जाएगा। जिसके चलते उसको अगले वर्ष वापस ऋण भी नहीं मिलेगा।
बेमौसम की बारिश से किसानों की फसलें हो गई थी खराब
जिले में अधिकतर गांव में बेमौसम की बारिश होने से किसानों की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई। जिसके चलते किसानों के पास अब अल्पकालीन ऋण चुकाने के लिए राशि भी पर्याप्त नहीं है। पूर्व में किसानों को बोई हुई फसल प्राप्त होने पर ऋण भरने ने की आस थी, लेकिन उस पर बेमौसम की बारिश ने पानी फेर दिया।
Source: Barmer News