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Rajasthan News : सिवाना की पहाड़ियों में 900 अरब का खजाना छुपा है। चीन की मोनोपॉली तोड़ने वाले रेअर अर्थ के इस क्षेत्र में कार्य तत्परता से हो तो जो पत्थर अब तक नीवों और घर बनाने में जाया हो रहा है आने वाले समय में इन्हीं पत्थरों से देश की तकदीर लिखी जाएगी। चुनावों में इस खजाने का जिक्र तक नहीं हो रहा है, जबकि जरूरत इसको लेकर बड़े काम की है। रिफाइनरी के समानांतर विकास का यह बड़ा प्रोजेक्ट है। बाड़मेर जिले के सिवाना क्षेत्र का कमठाई इलाका देश और प्रदेश की नई तकदीर लिख सकता है। रेअर अर्थं में भी यहां यूरेनियम के भण्डार हैं। बाड़मेर की सिवाना रिंग कॉम्पलेक्स में भारत सरकार के एटोमिक एनर्जी डिपार्टमेंट ने 7 ब्लॉकों को एक्सप्लोरेशन के लिए रिजर्वं कराया है, जो संकेत कर रहा है कि चीन की मोनोपॉली तोड़ने की क्षमता यह क्षेत्र करेगा। बाड़मेर के सिवाना में माइक्रोग्रेनाइट की चट्टानें मिलीं हैं, जिनमें दुर्लभतम जेनोटाइम रेयर अर्थ के डिपोजिट्स हैं। वहीं बाड़मेर के कमठाई में 5 मिलियन टन रेयर अर्थ के भण्डार भी संभावित हैं।

यह तथ्य सामने आए
– यह भारत का पहला टेरिस्टीअल (जमीन पर पाए जाने वाले खनिज) का बड़ा भण्डार है।
– विश्व में इसका 95 प्रतिशत निर्यात चीन करता है।

यहां है खजाना
कमठाई, दांता, लंगेरा, राखी, फूलन व डण्डाली। सिवाना के चारों तरफ एक गड्ढेनुमा रचना है, जिसमें ग्रेनाइट और रॉयलाइट व एल्केलाइन आग्नेय चट्टानें हैं। इसे सिवाना रिंग्स कॉम्पलेक्स और मालानी रॉक्स के नाम से भी जाना जाता है।

ये है रेअर अर्थ
गैलेनियम, रूबीडियम, इप्रीयम, थोरियम, यूरेनियम, सीरियम, टिलूरियम, यूरेनियम सहित करीब 15 प्रकार के खनिज हैं, जो भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक लेंथोनोइट ग्रुप के हैं।

यह है उपयोग
इन खनिज का उपयोग अत्याधुनिक तकनीक जैसे सुपर कंडक्टर, हाई प्लग्स, मैग्नेट, इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसिंग, ऑयल रिफाइनरी में केटिलिस्ट, हाईब्रिड कार कंपोनेंट एवं बैटरी के लिए किया जाता है। कैंसर दवा, बैटरी, लेजर, एरोस्पेस के लिए भी यह उपयोगी है।

2016 में पत्रिका ने किया था यह खुलासा
– 745 वर्षपुरानी मालानी रॉक्स और सिवाना रिंग कॉम्पलैक्स

– 5 मिलियन टन के भण्डार कमठाई
– 15 प्रकार के खनिज का पूरा ग्रुप

– 900 अरब से ज्यादा का है खजाना

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Source: Barmer News

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