बाड़मेर. अपराधों पर लगाम के लिए गत वर्ष लागू की गई पुलिस मित्र योजना बाड़मेर जिला पुलिस के लिए महज दिखावा बन गई। जिले के पांच थानों में एक भी पुलिस मित्र नहीं बन पाया वहीं जिन थानों में पुलिस मित्र बनाए गए हैं, उन्हें काम करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया गया। अब बाड़मेर जिला पुलिस योजना को प्रभावी तरीके से लागू कर नए पुलिस मित्र बनाएगी। जिले के 20 थानों में गत पांच माह में 140 पुलिस मित्र जोड़े गए हैं, पर उन्होंने पुलिस की मदद से योजना के मुताबिक कोई कार्य नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि सीएलजी को मजबूत करने के साथ इस योजना के कई महत्वपूर्ण काम होने थे।
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थाना – पुलिस मित्र
बायतु – 15
बाखासर – 02
बालोतरा – 03
बाड़मेर ग्रामीण – 06
बींजराड़ – 08
चौहटन – 22
धोरीमन्ना – 08
गडरारोड – 04
गिड़ा – 10
गिराब – 05
गुड़ामालानी – 10
कल्याणपुर – 01
कोतवाली – 03
महिला थाना – 00
मंडली – 00
नागाणा – 04
पचपदरा – 02
रागेश्वरी – 11
रामसर – 00
सदर – 00
समदड़ी – 00
सेड़वा – 02
शिव – 11
सिणधरी – 07
सिवाना – 06
कुल – 140
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यों करना होगा आवेदन
पुलिस मित्र बनने के लिए राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर जानकार ऑनलाइन पुलिस मित्र का फॉर्म भरना होगा। इसके बाद पुलिस आवेदनकर्ता के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच करेगी। आवेदन सही पाने पर उसे पुलिस मित्र बनाया जाएगा। इसके लिए न्यूनतम 21 वर्ष आयु अनिवार्य है।
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पुलिस मित्र इस तरह दे सकता है सेवाएं
– अपराध की रोकथाम में मदद
– पीडि़त सहायता कार्यक्रम
– जागरूकता अभियान (किसी भी जनहित के विषय पर)
– पुलिस जनता खेल कार्यक्रम
– अपराध जागरूकता अभियान
– कैदी व अन्य निषेध अपराधियों का पुनर्वास
– यातायात सहायता और जागरूकता
– पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम
– अतिक्रमण, बाल दुव्र्यवहार या अन्य असामाजिक गतिविधियों से सम्बंधित जागरूकता
– सांप्रदायिक सद्भाव के प्रोत्साहन को अभियान
– मानव अधिकार जागरूकता
– आपराधिक सूचनायें प्रदान करना
– महिला अधिकार जागरूकता
– सोशल मीडिया विषयों में सहायता
– साइबर क्राइम व बैंक ठगी पर जागरूकता
– एंटी नारर्कोटिक्स अभियान(व अन्य व्यभिचार रोकथाम के लिए अभियान)
– चिकित्सकीय क्षेत्र में सहायता
– समाज के वंचित और कमजोर वर्गो के अधिकारों के लिए अभियान
– शैक्षणिक क्षेत्र में सहायता
– धार्मिक उत्सवों, जुलूस एवं मेलों आदि में सहयोग
– सूचना प्रौधिगिकी क्षेत्र में सहायता
– अपने क्षेत्र में रात्रि गश्त
– वैवाहिक विवाद हस्तक्षेप और परामर्श
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– आमजन जुड़ कर करें काम
आमजन को पुलिस से जोडऩे के लिए पुलिस मित्र योजना लागू की गई थी, जिसका काम चल रहा है। बाड़मेर पुलिस ने 140 पुलिस मित्र बनाए हैं। अब इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी। साथ ही सभी थानेदार पुलिस मित्र से समन्वय रखेंगे। – शरद चौधरी, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर।
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Source: Barmer News