रतन दवे
बाड़मेर. उद्यमिता विकास के लिए देश में विख्यात जागृति रेल के कोच पर इस बार बाड़मेर के डॉ. सुरेन्द्र चौधरी का फोटो रोल मॉडल के तौर पर है। दिलचस्प यह है कि 2016 में सुरेन्द्र उन 450 युवा यात्रियों में से एक थे जिन्होंने इस रेल की यात्रा की और इसके बाद जब उनको कृषि से उद्यमिता विकास पर अपना प्रोजेक्ट पेश करना था तो उन्होंने अपने पिता सादुलाराम की मेहनत की कहानी प्रस्तुत कर दी।
रेगिस्तान के एक मेहनतकश किसान की कहानी इतनी जंची कि इस साल जब 18 कोच की यह रेल 8000 किलोमीटर देशभर में चली तो बाड़मेर के सुरेन्द्र का एक कोच पर फोटो लगा था और वे रोल मॉडल बन गए।
डॉ. सुरेन्द्र सियोल बाड़मेर जिला अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सक हैं। उनके पिता सादुलाराम चौहटन के आलमसर से हैं। रेगिस्तान में खजूर की खेती की शुरूआत करने वाले सादुलाराम ने सफलता इस कदर हासिल की है कि इस वक्त उनके खेत में ईरानी खजूर बरीह 50 टन, मोड्जूल 15 टन और अलअजवा करीब एक टन तीनों किस्में पैदा हो रही हैं।
उनसे प्रेरित होकर जिले में कई जगह किसान खजूर पैदा कर रहे हंै। डॉ. सुरेन्द्र 2016 में इस रेल के यात्री बने और इसके बाद कृषि के वाणिज्यिक उपयोग पर प्रोजेक्ट पेश करना था तो उन्होंने अपने पिता की मेहनत की कहानी को पेश किया और कृषि को वाणिज्यिक उद्यम के रूप में प्रस्तुत करने का मॉडल दिया।
उनके इस प्रोजेक्ट को पसंद करते हुए जागृति रेल के 2019 के 7 जनवरी को पूर्ण हुए सफर में एक कोच पर डा. सुरेन्द्र का फोटो लगाया गया।
क्या है जागृति रेल
भारत के छोटे शहरों व गांवों में उद्यमों के माध्यमों का निर्माण करने के उद्देश्य से 15 दिन में यह विशेष रेल 8000 किमी यात्रा करती है। 18 कोच की रेल पर उन युवाओं के फोटो रोल मॉडल के रूप में लगते हैं जिन्होंने रेल यात्रा के बाद देश में उद्यमिता से विकास के अच्छे प्रोजेक्ट बनाए।
देशभर से इस रेल यात्रा के लिए 20 हजार के करीब आवेदन पहुंचते हैं। इसमें से 450 युवाओं का चयन हर साल किया जाता है। इसमें से 18 युवाओं के फोटो रोल मॉडल के रूप में लगते हैं।
गौरव का क्षण
मैने जब रेल यात्रा की तो कृषि विषय चुना था। इसके लिए कई सुझाव थे लेकिन मैं प्रतिदिन अपने पिता सादुलाराम और भाई चन्द्रप्रकाश सियोल के खजूर के प्रति लगाव और मेहनत को देखता रहा था।
मैने तय किया कि मैं इसी पर अपना प्रोजेक्ट दूंगा। रेगिस्तान में खजूर उत्पादित करने का उनका यह कार्य इतना पसंद आया कि इस साल मैं रोल मॉडल बन गया। मेरे रोल मॉडल मेरे पिता हैं ।
– डा.. सुरेन्द्र सियोल, आयुर्वेद चिकित्सक
Source: Barmer News