जोधपुर ( jodhpur news. current news ) . नेशनल यूथ डे ( National Youth Day ) के मद्देनजर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा ( All India Maheshwari Mahasabha ) के परिवार परिवेदना प्रकोष्ठ की रविवार को नेहरूनगर, जोधपुर स्थित माहेश्वरी समाज में आयोजित बैठक के दौरान युवाओं ( national youth ) की देशज व वैश्विक समस्याओं ( global problems ) पर चर्चा के साथ ही गहन मंथन हुआ।
इस मौके रचनाकार हरिप्रकाश राठी ने कहा कि आज विश्व की एक तिहाई जनसंख्या युवाओं की है। युवावस्था मानव जीवन का बसंत काल है। युवक ऊर्जा के अजस्त्र स्रोत होते हैं। यही वह समय है जब उन्हें अपनी शक्तियां पहचान कर व सकारात्मक होकर अपने कॅरियर-पथ का निर्माण करना चाहिए। युवक के पास सृजन व विध्वंस दोनों विकल्प हैं , उसे पथभ्रर्मित न होकर सृजन का मार्ग पक डऩा चाहिए। किसी भी देश के नव निर्माण में युवकों की अहम भूमिका है।
उन्होंने श्रीराम का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने युवावस्था में ही कई राक्षसों का वध कर दिया था। उन्होंने अपने जीवन में आने वाली हर प्रतिकूल स्थिति को अनुकूल अवसर में रूपांतरित कर दिया। विवेकानंद जयंती ( vivekananda jayanti ) व इस वर्ष यूएनओ ( uno ) की थीम अधिकाधिक युवा शिक्षित हो के मद्देनजर शिक्षाविद शशिकुमार बिड़ला ने कहा कि अशिक्षा अभिशाप है। शिक्षित,जागरूक युवा राष्ट्र के लिए वरदान है। विमल बूब ने इस अवसर पर विवेकानंद ( Vivekananda ) के अनमोल वचन सुनाए।
बिड़ला ने कहा कि वे नित्य ये वचन सुन कर अपने दैनिक कार्य शुरू करते हैं। विवेकानंद कहते थे कि उठो, जागो, ब्रह्मांड की सारी शक्तियां तुम्हारे भीतर हैं, तुम ऊर्जा के अक्षय भंडार हो। यह तुम पर निर्भर करता है कि तुम क्या बनना चाहते हो , क्या होना चाहते हो ? तुम भाग्य के अधीन नहीं , किस्मत तुम्हारे संकल्पों की दासी है। तुम वही बनोगे जो तुम सोचते है। आत्मविश्वास से भरा एक विचार तुम्हें शिखर पर पहुंचा सकता है। वहीं एक नकारात्मक विचार तुम्हें गर्त में मिला देगा।
स्वाति जैसलमेरिया ने कहा कि आज युवकों मे नव शंखनाद की जरूरत है। अंत में आज की सभा के अध्यक्ष अधिवक्ता नंदकिशोर चांडक ने कहा कि रोजगार से त्रस्त युवक अवसाद की गलियों में भटकने के बजाय स्वरोजगार के विकल्प अपनाएं। वे किसी भी कार्य को छोटा न समझें। अंत में माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष पुखराज फोफलिया ने आभार प्रकट किया।
Source: Jodhpur