बाड़मेर. मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की तैयारी शुरू हो गई है। बाजार में पतंगों की दुकानें सजी है। खरीदार भी पहुंच रहे हैं। मांझे और पतंग की खरीदारी को लेकर खासकर बच्चों में अधिक उत्साह है। वहीं युवा भी पीछे नहीं हैं। मक्रर संक्रांति पर पतंगबाजी की धूम रहेगी।
बाड़मेर में 40-50 के करीब छोटी-बड़ी दुकानों पर पतंगों की बिक्री हो रही है। वहीं जिले के बड़े शहर व कस्बों में भी पतंगबाजी का उत्साह है। व्यापारी बताते हैं कि पूरे जिले में मकर संक्रांति पर करीब 10-12 लाख का पतंग-मांझा बिक जाता है।बाजार में पतंगों की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। दुकानदारों ने भी आकर्षित करने के लिए अलग-अलग पतंग मंगवाकर सजाई है।
फैक्ट एक नजर में
-2-300 रुपए तक की बाजार में पतंगे
-10-12 लाख का होगा व्यापार
-100-500 तक चरखी
-40-50 दुकानें बाड़मेर में
बच्चों को कार्टून करैक्टर की पतंगे पसंद
बच्चे खासकर कार्टून करैक्टर की पतंगों को पंसद कर रहे हैं। बच्चे स्पाइडर मैन, मोटू पतलू, मिक्की माउस, छोटा भीम सहित अन्य कार्टून पतंगों को खरीद रहे है। वहीं युवाओं में खास डिजाइन व बड़ी पतंगों का क्रेज है। अब अधिकांश पतंगों में प्लास्टिक पेपर का उपयोग हो रहा है।
बिक्री भी इनकी अधिक हो रही है। वहीं बाजार में भी कागज की पतंगे खरीदने और बेचने वाले कम ही है। व्यापारियों का मानना है कि कागज की पतंग लाने व बेचने के दौरान काफी माल खराब होता है। लेकिन प्लास्टिक की पतंग में माल खराब नहीं होता है। लोगों की डिमांड भी प्लास्टिक की पतंग है।
बाजार में छोटे पतंग 2 रुपए में मिल रहे है तो बड़े पतंग 250 से 300 रुपए में बिक रहे हैं। इसके अलावा मांझे की चरखी भी 100 से 500 रुपए दर में मिल रही है।
बरेली का मांझा
बाड़मेर में व्यापारी बरेली का मांझा मंगवाते हैं। वैसे उनका कहना है कि अहमदाबाद और जोधपुर आदि कुछ जगहों से भी मांझा आता है। लेकिन लोग बरेली का मांझा कहकर ही मांगते हैं।
कभी अक्षय तृतीय पर होती थी पतंगबाजी
कुछ सालों पहले तक अक्षय तृतीया पर पतंगबाजी होती थी। अब मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का क्रेज अधिक हो गया है। मकर संक्रांति पर मौसम अनुकूल होता है। सर्दी जाने को होती है और गर्मी भी नहीं सताती है। इसके चलते मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का आनंद बढ़ गया है।
चायनीज मांझे पर प्रतिबंध
बाजार में चायनीज मांझे की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध है। चायनीज मांझा की बिक्री की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मांझा जब्त भी हो सकता है।
मांझा खतरनाक होने के कारण इसकी बिक्री पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही पतंगबाजी के लिए समय भी निर्धारित किया गया है। जिससे मूक पंछियों की जान नहीं जाए।
Source: Barmer News