दलपत धतरवाल/राजेन्द्रसिंह विक्टर.
बालोतरा. शहर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, रात का पारा 5 से 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है, लेकिन उपखंड के सबसे बड़े रैफरल राजकीय नाहटा चिकित्सालय में मरीजों के लिए ठंड से बचने के प्रर्याप्त इंतजाम नहीं है। यहां भर्ती मरीजों को स्वयं ही कंबल व गर्म कपड़े लाने पड़ रहे हैं।
पत्रिका टीम ने बुधवार देर रात राजकीय नाहटा चिकित्सालय की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। हालातों की हकीकत यह है कि सरकार के लाख दावों तथा करोड़ों खर्च के बाद भी इस कड़ाकें की सर्दी में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ठंड से बचने के इंतजाम नजर नहीं आए।
बालोतरा व सिवाना उपखंड का बालोतरा का राजकीय नाहटा चिकित्सालय सबसे बड़ा है। यहां पर दर्जनों प्रसूताएं, नवजात व अन्य बीमारियों से ग्रसित लोग भर्ती हो रहे हैं। मरीजों को अस्पताल में ठंड से बचने के लिए एक कंबल दिया जा रहा है, यह कंबल भी इतना पतला होता है कि उससे सर्दी नहीं बचती है।
कई मरीजों को तो वह पतला कंबल भी नहीं दिया जाता है। अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती युसुफ खां की पत्नी जन्नत बानो ने बताया कि उनके पति को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन शाम तक उन्हें कोई कंबल नहीं दिया गया। वार्ड के नर्सिंगकर्मी से कंबल मांगा तो काफी देर तक कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने घर के कंबल मंगवाकर सर्दी से बचाव किया।
अस्पताल में भर्ती मरीज सर्दी से परेशान है, दिन में तो काम चल जाता है, लेकिन रात में ठिठुरने को मजबूर है। अस्पताल में भर्ती मरीजों के बिस्तर पर घरों के कंबल, रजाई व राळी ही दिखाई देती है।
अधिकारी देखकर भी बने रहते अनजान- अस्पताल में भर्ती मरीजों को बिस्तर, बेडशीट व सर्दियों में कंबल की व्यवस्था की जाती है। दरअसल, अस्पताल में बेड पर जो बेडशीट बिछाई जाती है उसे हर दिन बदलना होता है और इसकी धुलाई भी करानी होती है, जिससे भर्ती मरीजों में संक्रमण का खतरा न पैदा हो।
इसी कारण मरीजों को सर्दियों में कंबल उपलब्ध करवाए जाते है, जिससे मरीजों में किसी भी प्रकार का संक्रमण न फैलें। घर से लाने वाले कपड़ों में संक्रमण का खतरा बना रहता है, इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन इसे नजरअंदाज कर रहा है। अस्पताल के चिकित्सक भी राउंड पर आते है, और इन मरीजों के घर से लाए हुए कपड़े ओढ़े देखते हैं, इसके बावजूद कार्रवाई नहीं करते हैं।
Source: Barmer News