बाड़मेर. राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2020 में पेश किए जाने वाले बजट को लेकर प्रत्येक वर्ग अपने लिए कुछ विशेष रियायत व सुविधाएं चाहता है। बजट को लेकर हर किसी को उत्सुकता रहती है कि बजट में कुछ खास मिलेगा। इस बार पेश होने वाले बजट में अधिवक्ताओं को क्या उम्मीद है। उन्हें बजट में क्या मिलना चाहिए। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका की ओर से शनिवार को परिचर्चा में अधिवक्ताओं ने अपनी बात रखी।
प्राथमिकता में शामिल होनी चाहिए मांग
गत बजट में अधिवक्ताओं के लिए घोषणाएं तो हुई थी लेकिन अधिकांश घोषणाएं धरातल पर लागू नहीं हुई। सरकार अधिवक्ताओं की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस बजट में प्राथमिकता से मांगों को शामिल करें। ऐसे में अधिवक्ताओं को इस बजट से काफी उम्मीदें है।
स्थायी फंड मिलना चाहिए
सरकार बजट में अधिवक्ताओं के लिए विशेष फंड जारी करें। ऐसे में जो अधिवक्ता नए आए हैं,ख् उनको सहायता मिले सके। सुरक्षा के लिए भी कानून बनना चाहिए। पूर्व में सरकार की ओर से की गई घोषणाओं को पूरा किया जाए।
विष्णु चौधरी, अधिवक्ता
विकास की योजनाएं शामिल हो
वर्तमान बजट में सरकार को अधिवक्ताओं के लिए सुविधाएं बढ़ाते हुए योजना बनाकर धरातल पर लागू करनी चाहिए। जिससे अधिवक्ताओं को राहत मिलेगी।
ओमप्रकाश बृजवाल, अधिवक्ता
पूर्व की घोषणाएं लागू हो
पूर्व के बजट में मरू विकास बोर्ड के लिए घोषणा की वो आज भी अधूरी है। इसे सरकार प्राथमिकता से पूर्ण करवाए। मुख्यालय पर जिला न्यायालय होना चाहिए।
रमेश गौड़, अधिवक्ता
पारिवारिक न्यायालय बाड़मेर में हो
जिले भर के लोगों के सुविधा के लिए पारिवारिक न्यायालय मुख्यालय पर होना चाहिए। सरकार बजट घोषणा में इसे शामिल करें।
हिन्दूराम भाटी, अधिवक्ता
अधिवक्ताओं के लिए कॉलोनी बने
सरकार अधिवक्ताओं के लिए कॉलोनी आवंटित करें। अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए योजना बने। पोक्सो कोर्ट बालोतरा के बजाय बाड़मेर में होना चाहिए।
मुकेश जैन, अधिवक्ता
मुख्यालय पर न्यायालय खुले
जिला न्यायालय व पारिवारिक न्यायलय बाड़मेर में होना चाहिए। न्यायालय की संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए। सरकार इस बजट में मांग को प्राथमिकता देें। नए अधिवक्ताओं को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए।
सवाई माहेश्वरी, अधिवक्ता
अधिकारियों की हो नियुक्ति
कोर्ट में अधिकारियों व कार्मिकों की कमी के कारण मामलों के निपटारे में अधिक समय लग रहा है। इस बजट में कार्मिकों की भर्ती करें जिससे आमजन को त्वरित न्याय मिल सके।
बंशीलाल सोलंकी, अधिवक्ता
टोल नाके पर मिले राहत
अधिवक्ताओं को टोल नाके पर राहत मिलनी चाहिए। इसके लिए पूर्व में भी सरकार से मांग की गई थी। सरकार इस मांग को बजट में शामिल करे।
मोहनलाल पूनड़, अधिवक्ता
चेम्बर की व्यवस्था हो
न्यायालय में नए अधिवक्ताओं के चेम्बर नहीं होने के कारण समस्या झेलनी पड़ती है। इसके लिए बजट में विशेष व्यवस्था की जाए।
गौरव खत्री, अधिवक्ता
महिला अधिवक्ताओं के लिए हो सुविधा
न्यायालय परिसर में महिला अधिवक्ताओं के लिए सुविधाए होनी चाहिए। उनके लिए अलग से चेम्बर की व्यवस्था हो। सरकार इस मांग को बजट में प्राथमिकता दें।
अनामिका सांदू
लाइब्रेरी हो ऑनलाइन
सरकार अधिवक्ताओं के लिए ऑनलाइन लाइब्रेरी की व्यवस्था करें। जिससे अधिवक्ता अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकेंगे। इस बजट में सरकार से बड़ी उम्मीद है।
महेन्द्रसिंह राठौड़, अधिवक्ता
Source: Barmer News