जोधपुर. राजीव गांधी नगर थानान्तर्गत देदीपानाडा गांव से 8 दिन पहले लापता किशोर का शव शनिवार को गोलासनी फायरिंग रेंज के पास वन्य क्षेत्र में मिला। एक ही युवती से संबंध को लेकर दो ममेरे भाइयों ने अपहरण के बाद चाकू घोंपकर और पत्थर से सिर पर पत्थर मार कर उसकी हत्या की थी। इस मामले में पुलिस ने एक बाल अपचारी व उसके ममेरे भाई को गिरफ्तार किया है।
थानाधिकारी बलराजसिंह मान के अनुसार बेरू के पास देदीपानाडा गांव निवासी रमेश (17) पुत्र ओमप्रकाश लोल गत 11 जनवरी की रात बिना बताए घर से गायब हुआ था। चाचा करनाराम चौधरी ने तेरह जनवरी को अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया था। रमेश के मोबाइल की कॉल डिटेल से अंतिम मर्तबा बीस मील निवासी रिश्ते में भाई एक किशोर से बात होने का पता लगा।
पुलिस ने किशोर को पकड़ा और पूछताछ की तो उसने ऊटाम्बर निवासी गिरधारी जाट के साथ मिलकर रमेश की हत्या करने का खुलासा किया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने शनिवार सुबह गोलासनी फायरिंग रेंज के पास वन्य क्षेत्र में रमेश का अद्र्ध नग्न और क्षत-विक्षत शव बरामद किया। प्रारम्भिक जांच के बाद मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंपा गया। पुलिस ने अपहरण के मामले को हत्या में तब्दील कर बीस मील निवासी बाल अपचारी को संरक्षण में लिया, जबकि ऊटाम्बर निवासी मुख्य आरोपी गिरधारी पुत्र रामूराम जाट को गुजरात में मोरबी से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार मृतक रमेश व आरोपी गिरधारी की एक ही युवती से घनिष्ठता थी। इससे गिरधारी नाराज था। गिरधारी व बाल अपचारी ट्रक पर काम कर चुके हैं।
इस दौरान गिरधारी ने बाल अपचारी को युवती से सम्पर्क की जानकारी दी थी। इसके बाद दोनों ने रमेश की हत्या की साजिश रची थी।
गिरधारी के कहने पर बाल अपचारी ने गत ११ जनवरी की रात आठ बजे रमेश को फोन कर बुलाया और मोटरसाइकिल पर बिठाकर ले गया था। केरू से तीन किमी दूर गिरधारी मिला। तीनों घूमने के बहाने कायलाना की ओर गए और फायरिंग रेंज के पास वन क्षेत्र में बाल अपचारी ने रमेश के हाथ पकड़े और गिरधारी ने पेट में चाकू घोंपे थे। खून निकलने पर उसे वहीं छोड़ दोनों मोटरसाइकिल पर रवाना हो गए। कुछ दूर जाने के बाद गिरधारी वापस मौके पर गया और बड़े पत्थर से रमेश के सिर पर और वार किए। इससे रमेश की मृत्यु हो गई थी।
तलाश में देरी पर पुलिस के प्रति जताई नाराजगी
बाल अपचारी की निशानदेही से शव का पता लगने के बाद परिजन व ग्रामीण मोर्चरी पहुंचे और पुलिस के प्रति नाराजगी भी जताई। बेरू सरपंच महेन्द्रसिंह व जगदीश लोल का कहना है कि ११ जनवरी को अपहरण हुआ, १३ जनवरी को अपहरण का मामला दर्ज कराया गया। लेकिन पुलिस रमेश को तलाश करने में गंभीर नहीं रही। दबाव डालने पर रमेश के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई तब बाल अपचारी की भूमिका का पता लगा था।
Source: Jodhpur