बाड़मेर. उच्च शिक्षा में कैसे हालात है ये शिव कॉलेज को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। शिक्षकों की कमी तो है ही कॉलेज को खुद का भवन भी अब तक नहीं मिला। बॉर्डर के शिव उपखंड मुख्यालय पर संचालित कॉलेज में इस साल तीसरा सत्र शुरू होगा। लेकिन कॉलेज भवन के लिए जमीन तक नहीं मिली।
बॉर्डर क्षेत्र के शिव उपखण्ड पर सरकारी कॉलेज शुरू करने के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने घोषणा की थी। इसके लिए 7 करोड़ रुपए बजट प्रस्तावित किया, लेकिन यह घोषणा महज दिखावा बन रही है। दो साल बीतने के बावजूद भी बजट मिला और न ही जमीन का आवंटन हुआ है। वर्तमान में यह सरकारी कॉलेज मर्ज हुई स्कूल में संचालित हो रहा है।
जमीन मिली तो कॉलेज प्रबंधन को नहीं आई पसंद
राज्य सरकार की घोषणा के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई। कॉलेज निर्माण के लिए जिला कलक्टर के माध्यम से जमीन का आवंटन हुआ, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उस भूमि को अनुपयुक्त मानते हुए दुबारा प्रस्ताव भेजा। दूसरे प्रस्ताव पर जमीन का आवंटन अब तक नहीं हुआ है।
वहीं कॉलेज निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 6 करोड़ 80 लाख रुपए का प्रपोजल बनाकर बजट मांगा है। लेकिन सरकार अब कह रही है कि भामाशाहों या सीएसआर फंड से कॉलेज को बजट दिलाया जाए।
मार्च में शुरू होगा तीसरा सत्र
वर्ष 2018 में प्रथम वर्ष के प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी। उसके बाद द्वितीय सत्र भी शुरू हो गया। अब मार्च-2020 में तृतीय वर्ष में प्रवेश होंगे। लेकिन कॉलेज के लिए दो साल बीतने के बावजूद स्थायी स्थान नहीं मिला है।
स्कूल में संचालित हो रहा कॉलेज
शिव का सरकारी कॉलेज अभी एक स्कूल में हो रहा है। यहां पर संचालित होने वाली स्कूल अन्यत्र मर्ज हो गई थी। बिल्डिंग खाली होने के चलते कॉलेज का यहां संचालन हो रहा है। यहां प्रथम व द्वितीय वर्ष की कक्षाओं में कुल 232 का नामांकन है। वहीं 4 व्याख्याता कार्यरत है।
– बजट नहीं मिला, मर्ज स्कूल में चल रहा है कॉलेज
कॉलेज दो सत्र से चल रहा है। महाविद्यालय भवन के लिए बजट मिला और ना ही जमीन का स्थायी आवंटन अभी तक हुआ है। दूसरा सत्र पूरा होने को है। अब मार्च में तीसरे सत्र में प्रवेश होंगे। ऐसी स्थिति में परेशानी हो रही है। सरकार विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए बजट दिलाए ताकि कॉलेज का निर्माण जल्द हो सके।
– नीम्बसिंह, प्राचार्य, शिव महाविद्यालय
Source: Barmer News