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जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को नगर निगम के वार्डों के सीमांकन को रोकने से इनकार कर दिया। जोधपुर नगर निगम के क्षेत्राधिकार को विभाजित कर दो निगम बनाने की अधिसूचना और कुड़ी भगतासनी ग्राम पंचायत को निकाय सीमा में सम्मिलित नहीं करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में पेश स्थगन प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। राज्य सरकार को याचिका का तीन दिन में प्रत्युत्तर पेश करने के निर्देश दिए हैं।

वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश डॉ.पुष्पेंद्रसिंह भाटी की खंडपीठ मेें याचिकाकर्ता अजय गोस्वामी ने कहा कि जनहित याचिका का मुख्य विषय कुड़ी भगतासनी ग्राम पंचायत को निकाय सीमा में सम्मिलित करने का है, जब तक इसका निस्तारण नहीं होता, तब तक वार्डों का सीमांकन रोका जाए। पंचायती राज चुनाव भी इस याचिका के निर्णय के अध्यधीन रखने की मांग की गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कहा कि मामला स्थगन योग्य नहीं है।

अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल ने जवाब पेश करने के लिए तीन दिन का समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई 27 जनवरी को मुकर्रर की है। उल्लेखनीय है कि मूल याचिका में याची ने 18 अक्टूबर, 2019 को जारी राज्य सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिसमें नगर निगम की सीमा को दो भागों में विभाजित करते हुए नगर निगम उत्तर तथा दक्षिण गठित करने की मंशा जताई गई थी। दो निगम बनाने के बावजूद निकाय सीमा का विस्तार नहीं किया गया है। इन दोनों निगमों का क्षेत्राधिकार शहर, सरदारपुरा तथा सूरसागर विधानसभा क्षेत्र ही है।

याचिका के अनुसार जोधपुर की निगम सीमा की परिधि में कई नई कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें निकाय की सुविधाएं मुहैया नहीं हो रही। उन्होंने कुड़ी भगतासनी ग्राम पंचायत को निकाय सीमा में सम्मिलित करने की याचना करते हुए कहा कि सरकार को भेजे गए कई प्रस्तावों में कुड़ी भगतासनी को निकाय घोषित करने या वर्तमान निगम की सीमा में शामिल करने की अनुशंसा की जा चुकी है, लेकिन सरकार दो निगम गठित करने की कवायद के बावजूद परिधि पर बसे क्षेत्रों को निकाय में सम्मिलित नहीं कर रही।

Source: Jodhpur

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