जोधपुर. नाबालिग के साथ यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की अपील पर राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई टल गई। हालांकि सरकार और पीडि़ता की ओर से आरोपी प्रकाश और शिवा को बरी करने के खिलाफ पेश लीव टू अपील पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया।
आसाराम, शरद व शिल्पी की ओर से सजा के खिलाफ अपील दायर की गई है। वहीं सरकार की ओर से प्रकाश व शिवा को बरी करने के खिलाफ लीव टू अपील पेश की गई थी। राज्य सरकार की लीव टू अपील पर सोमवार को सुनवाई हो गई। जिसके चलते न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ में सजा के खिलाफ पेश तीनों अपीलों में सुनवाई टल गई।
स्पेशल कोर्ट पॉक्सो एक्ट ने पिछले साल 25 अप्रैल को आसाराम को मृत्यु आने तक आजीवन कारावास की सजा तथा उसके दो सहयोगियों शरद व शिल्पी को बीस-बीस साल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट से दोनों सहयोगियों की सजा स्थगित हो चुकी है। जिसके बाद दोनों जमानत पर रिहा भी हो गए। आसाराम पर आरोप था कि उसने जोधपुर के निकट मनाई स्थित आश्रम में अपने गुरुकुल में पढऩे वाली एक नाबालिग छात्रा का अगस्तए 2013 में यौन उत्पीडऩ किया था। लंबी ट्रायल के बाद स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को दोषी पाया था। सजा के खिलाफ आसाराम ने जुलाईए 2018 में 44 पेज की अपील पेश थी।
Source: Jodhpur