बाड़मेर. अलग-अलग परिवारों की 12 वधुएं, 12 वर, लेकिन विवाह की व्यवस्थाएं एक, उसी स्थान पर। साथ में हजारों लोगों की मौजूदगी। यह नजारा गुरुवार सुबह न्यू कवास बाड़मेर मगरा स्थित पीपाजी छात्रावास में देखने को मिला। अवसर था श्री पीपा क्षत्रिय समाज बाड़मेर-जैसलमेर के तृतीय सामूहिक विवाह का।
कार्यक्रम में सामाजिक बदलाव की एक अलग ही बयार देखने को मिली, जिस एक बेटी के पिता को विवाह के लिए जो व्यवस्थाएं करनी थी, वे उन्हें स्वत: मिल गई।
सामूहिक विवाह का नजारा जिसने भी देखा, मुक्त कंठ से इसकी सराहना करते हुए कहा कि एक ही जगह व्यवस्था से 12 बेटियों का हर्षोल्लास से विवाह संपन्न हो गया, वह भी पूर्णत: नशा मुक्त।
समाज अध्यक्ष औंकार सिंह चावड़ा ने बताया कि गुरुवार को समाज का तृतीय सामूहिक विवाह संपन्न हुआ है। उन्होंने इस परंपरा को सन् 2017 में आरंभ किया था, तब प्रथम प्रयास में केवल चार जोड़ों का पंजीयन हो पाया था। इस परंपरा को आगे बढ़ाने में समाजसेवियों ने सहयोग दिया, जिससे इस बार तृतीय प्रयास में 12 जोड़ों का विवाह हुआ है।
इनका रहा सहयोग
श्री पीपा क्षत्रिय समाज बाड़मेर-जैसलमेर, श्री पीपा क्षत्रिय विकास संस्थान चौहटन एवं संत श्री पीपाजी जनकल्याण समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तृतीय सामूहिक विवाह में श्री पीपा क्षत्रिय युवा मित्र मंडल, श्री पीपा क्षत्रिय टाइगर फोर्स सेवा समिति, श्री पीपा क्षत्रिय महिला मंडल, श्री पीपा क्षत्रिय ढाट युवा मंडल आदि संगठनों के कार्यकतार्ओ ने व्यवस्थाओं की कमान संभाली।
सभी मांगलिक कार्यक्रमों में दिखी एकरूपता
कार्यक्रम के निर्धारित स्वरूप के अनुसार गुरुवार सुबह 6 बजे तक सभी वर एवं वधू पक्ष छात्रावास प्रांगण में पहुंचे। इसके बाद गणेश स्थापना हुई एवं वधू पक्ष की ओर से वर का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।
वहीं सुबह मांगलिक मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच एक साथ सज्जित मंच पर सभी जोड़ों ने फेरे लिए। परिणय सूत्र में बंधने के बाद सामूहिक वरमाला कार्यक्रम हुआ।
दोपहर में भोजन के पश्चात शाम 5 बजे सभी जोड़ों को प्रमाण-पत्र मय स्मृति-चिह्न एवं समाज व समाजसेवियों की ओर से दिए गए उपहार प्रदान कर विदा किया गया।
Source: Barmer News