भवानीसिंह राठौड़@बाड़मेर. आप अगर सफर कर रहे हैं तो वाहन ड्राइव करते समय सावधानी जरूर बरतें, अन्यथा मामूली गलती कभी भारी पड़ सकती है। बाड़मेर जिले में सड़कों पर वाहनों की रफ्तार व चालकों की लापरवाही से हर 24 घण्टे में एक जने की जान ले रही है।
सीमावर्ती बाड़मेर जिले में वाहनों की बढ़ोतरी के साथ सड़कों के नवीनीकरण से सुधार जरूर हुआ है। इसके बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है। पुलिस व परिवहन विभाग के प्रयासों के दावों की हकीकत सामने आई है। बाड़मेर में साल 2019 में 538 सड़क हादसे हुए, जिसमें 346 लोगों को जान गवानी पड़ी। वहीं 529 जने घायल हो गए। आंकड़ों के अनुसार औसतन जिले में हर दिन एक जने की जान का दुश्मन सड़क हादसा बन रहा है। वहीं जान गंवाने वाले व गंभीर घायल होने वाले अंधिकाश युवा है।
हादसों के साथ मौत का बढ़ता आंकड़ा
साल 2018 के मुकाबले 2019 में हादसों की संख्या बढ़ी है। 2019 में जिले में 538 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 346 की जान चली गई। वहीं साल 2018 में यह हादसे 524 हुए तथा 333 का दम टूट गया।
एक नजर सड़क हादसे
वर्ष – हादसा – मौत – घायल
2019 – 538 – 346 – 529
2018 – 524 – 333 – 594
शराब व लापरवाही सबसे बड़े कारण
प्रारंभिक पुलिस जांच में सामने आया है कि सड़क हादसों का प्रमुख कारण वाहन चलाते समय नशा, मोबाइल का उपयोग, रोड पर पशु से टकराना व तेज रफ्तार सामने आए। हादसों की रोकथाम व निगरानी रखने की जिम्मेदार पुलिस विभाग की है, लेकिन पुलिस महज खानापूर्ति कर देती है। ऐसी स्थिति में सड़क हादसे कम नहीं हो रहे हैं।
सड़क सुरक्षा महज दिखावा
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए परिवहन व पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान चलाया जाता है। लेकिन यह सड़क सुरक्षा अभियान महज दिखावा ही होता है। हादसों को लेकर अभियान का सकारात्मक असर नजर नहीं आया है।
ओवरस्पीड से हो रहे हैं हादसे
दो इंटरसेप्टर वाहनों से हाइवे पर ओवर स्पीड से चालान बना रहे हैं। पुलिस जागरूकता अभियान भी चलाती है। स्कूलों में शिक्षा के माध्यम से यातायात नियमों को पालन करवाने का पाढ़ पढ़ाया जाता है। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस हमेशा तत्पर है। वाहन चालक तेजगति से वाहन नहीं चलाएं। यातायात नियमों का पालन करें।- शरद चौधरी, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर
Source: Barmer News