अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा प्रशासन ने कहा है कि जोधपुर में अभी कोरोना वायरस का कोई संदिग्ध नहीं मिला है। एक समाचार पत्र (पत्रिका नहीं) के शनिवार के अंक में प्रकाशित और कुछ न्यूज चैनल पर 18 वर्षीय युवक को कोरोना वायरस का संदिग्ध होने और उसकी जांच रिपोर्ट पुणे वायरोलॉजिकल लैब भेजने के समाचार प्रसारित किए थे। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन व चिकित्सा का कहना है कि एमडीएम अस्पताल में कोई संदिग्ध मरीज नहीं आया। जो पर्ची सोशल मीडिया पर वायरल हुए है उस पर दिए मरीज क्रमांक भी फर्जी हैं।
पर्ची मूत्र जांच की
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. एसएस राठौड़ ने कहा कि कॉलेज स्तर पर की गई प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सोशल मीडिया पर मथुरादास माथुर अस्पताल की जांच पर्ची पर कोरोना लक्षण लिखकर फोटो वायरल किया गया है। जिस रोगी का नाम लिखा गया है कि वह पंजीकृत नहीं है। पर्ची मूत्र जांच से संबंधित है, जबकि कोरोना वायरस की जांच स्वाब सैंपल से की जाती है। साफ है कि किसी ने अस्पताल की पर्ची का दुरुपयोग कर अस्पताल की फर्जी सील लगाकर वायरल किया है। इसकी जांच की जाएगी।
सीएमएओ डॉ. बलवंत मंडा ने भी समाचार को भ्रामक बताया और कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस को लेकर पूरा प्रशासन सजग और किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार है।
हमारी यूनिट की हैंडराइटिंग ही नहीं: डॉ. जैन
एमडीएम अस्पताल में गत शुक्रवार को डॉ. अरविंद जैन की यूनिट थी। डॉ. जैन ने बताया कि उनकी यूनिट में किसी ने कोरोना वायरस की जांच नहीं लिखी। पर्ची की लिखावट हमारी यूनिट के चिकित्सकों की लिखावट से मेल नहीं खा रही है। इस पर्ची के क्रमांक 12 हजार, 9 सौ हैं जबकि शनिवार को अधिकृत क्रमांक 12 हजार, 5 सौ शुरू हुए हैं। ट्रोमा एंड इमरजेंसी में भी दस हजार नंबर चल रहे है। कोरोना वायरस का फार्म ऐसे पेपर पर कभी नहीं लिखा जाएगा, स्पेशल फार्म पर ही टेस्ट होता है।
Source: Jodhpur