जोधपुर. इन दिनों कांगो बुखार ( congo fever ) के नाम से ही लोग बहुत आशंकित हैं। चिकित्सा प्रशासन यथोचित और प्रभावी कदम नहीं उठा पा रहा है। कांगो बुखार से पीड़ित एक संदिग्ध की अहमदाबाद ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। बालोतरा निवासी यह मरीज पहले जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती हुआ था।
बाद में अहमदाबाद इलाज के लिए ले जाने के दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई। इससे चिकित्सा प्रशासन के कांगो रोग की रोकथाम और मरीजों का इलाज करवाने के दावों की पोल खुल गई है।ध्यान रहे कि मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती क्रिमियन कांगो हैमरेजिक फीवर के तीन संदिग्ध मरीजों में से बालोतरा ( बाड़मेर ) निवासी एक मरीज लामा (लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज) हो गया था। दो संदिग्धों में से जोधपुर शहर व दूसरा गांव का है। दोनों को जनाना विंग के पीडियाट्रिक विभाग के आइसोलेशन में रखा है। मरीजों के कांगो फीवर की जांच अब कराई गई है।
वायरल हैमरेजिक फीवर
अस्पताल प्रशासन ने इन मरीजों को फिलहाल वायरल हैमरेजिक फीवर का रोगी माना। इनके लक्षण एक जैसे हैं। अस्पताल प्रशासन ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित कर दिया है। मरीजों में शामिल 14 वर्षीय बच्ची शहर के वैष्णव विहार की और 8 साल का बालक जोधपुर जिले में बालेसर क्षेत्र के गोडासर का है। बिना सूचना के अस्पताल से चला गया तीसरा मरीज भी 14 वर्षीय बालक था।
तीन मरीज आए
मथुरादास माथुर अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेन्द्रकुमारी आसेरी ने बताया कि भर्ती मरीज फिलहाल संदिग्ध हैं। जोधपुर में कांगो फीवर के अब तक तीन मरीज आए हैं। इनमें से दो की मौत हो गई। मरने वालों में एक बोरूंदा की महिला व दूसरा जैसलमेर निवासी युवक था।
बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
बाड़मेर के जेठांतरी गांव में एक किशोर के कांगों के चपेट में आने की आशंका के चलते चिकित्सा विभाग की टीम पीडि़त के गांव पहुंची। ये मरीज दो दिन बालोतरा अस्पताल भर्ती रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने परिजनों के निवास और व आस पास का सर्वे कर सैम्पल लिए और स्प्रे भी किया।
Source: Jodhpur