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बाड़मेर. थार में टिड्डी के हमले खेतों पर होने से किसानों को फसलों का नुकसान हो रहा है। कई किमी में टिड्डी दल मंडरा रहे हैं। इससे किसानों को फसलों के नष्ट होने की चिंता खाए जा रही है। दूसरी तरफ टिड्डी नियंत्रण दल व कृषि विभाग ने टिड्डी नियंत्रण में नाकामी को छुपाने के लिए अब किसानों के कंधे पर बंदूक रख दी है।

किसानों को ही खेतों में टिड्डी नियंत्रण को लेकर छिड़काव के लिए कृषि विभाग की ओर से अब कीटनाशी उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें झुनझुना ये पकड़ा दिया कि कीटनाशी पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी।

टिड्डी नियंत्रण संगठन और कृषि विभाग को गत 21 मई को थार में टिड्डी आने की रिपोर्ट हुई थी। करीब चार महीनों में दोनों विभाग यही कहते रहे कि टिड्डी नियंत्रण में फाके पैदा नहीं होंगे, लेकिन जब टिड्डी आई तो विभाग ने दो-चार टीमें बनाकर भेज दी।

जिनके जिम्मे सर्वे भी रहा और नियंत्रण का काम भी। ऐेसे में टिड्डियों ने अंडे दे दिए, जो अब फाको के रूप में बड़े हो चुके हैं और खेतों में पहुंच रहे हैं। थार में कई स्थानों पर टिड्डी ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है।

एक किमी तक फैली टिड्डी

शिव क्षेत्र के आंरग में एक किमी तक टिड्डी का पड़ाव देखा गया है। यहां पर टिड्डी नियंत्रण संगठन की टीम पिछले दो दिन से नियंत्रण के प्रयास कर रही है, लेकिन टिड्डी की संख्या करोड़ों और किमी में फैली है। इसलिए नियंत्रण में भारी मुश्किल हो रही है।

फिर कीटनाशक से कैसे होगा काबू

टिड्डी नियंत्रण संगठन टिड्डी के नियंत्रित करने के लिए केमिकल मेलाथियोन 96 यूएलबी काम में लेता है। जबकि कृषि विभाग की ओर से रियायती दर पर उपलब्ध करवाया जाना वाला सामान्य कीटनाशी है। जानकार बताते हैं कि जब मेलाथियोन से टिड्डी नियंत्रित नहीं हुई और फाके पनप गए तो सामान्य कीटनाशी जो किसानो ंको उपलब्ध करवाया जाएगा, उससे कैसे नियंत्रण होगा।

बाड़मेर में इन क्षेत्रों टिड्डी का पड़ाव

बाड़मेर के शिव एवं गिड़ा क्षेत्र में टिड्डी फसलों को नष्ट कर रही है। यहां खेतों में टिड्डी दल का भारी पड़ाव है। पूरे के पूरे खेत ही पीले नजर आ रहे हैं। वहीं गडरारोड, बायतु, रामसर, धोरीमन्ना, गुड़ामालानी व चौहटन आदि में भी टिड्डी देखी जा रही है और यहां पर बड़े दल के हमले की आशंका है।

जैसलमेर से हवा के साथ आई है

अभी शिव के आरंग और रतकुडिय़ा में भारी मात्रा में टिड्डी का पड़ाव है। पूरी टीम यहां पर नियंत्रण के प्रयास में लगी है।
केवी चौधरी, प्लांट प्रोटेक्शन अधिकारी, टिड्डी नियंत्रण संगठन बाड़मेर

Source: Barmer News

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