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जोधपुर/धुंधाड़ा. पुलिस व चिकित्सा विभाग ने बगैर डिग्री या प्रमाण पत्र के सालावास व बेरू गांव की दुकानों में क्लिनिक खोलकर ग्रामीणों का इलाज कर रहे दो झोलाछाप चिकित्सकों को शनिवार को पकड़ लिया। अनेक दवाइयां और सर्जिकल सामग्री जब्त की गई है। वहीं, डालीबाई मंदिर के पास पाकिस्तान की डिग्री से इलाज करते एक व्यक्ति पकड़ा गया।

राजीव गांधी नगर थानाधिकारी बलराजसिंह मान के अनुसार बेरू गांव में न्यू परिहार मेडिकल व जनरल स्टोर में झोलाछाप चिकित्सक के इलाज करने की सूचना मिली। डिप्टी सीएमएचओ प्रीतमसिंह, ड्रग निरीक्षक आशीष गज्जा, चावण्डा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. इमरान खान के साथ पुलिस ने दुकान में छापा मारा। संचालक मोहनलाल अवैध रूप से चिकित्सा की प्रैक्टिस करते मिला। उससे चिकित्सकीय जांच करने की डिग्री या प्रमाण पत्र के बारे में पूछा गया, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे पाया। वह बगैर किसी डिग्री या प्रमाण पत्र के एलोपैथी चिकित्सा पद्धति से ग्रामीणों की जांच कर एेलोपैथिक दवाइयां दे रहा था। डॉ. इमरान खान की तरफ से मामला दर्ज कर महामंदिर में बाबू लक्ष्मण सिंह कॉलोनी निवासी मोहनलाल (४२) पुत्र केवलराम परिहार को गिरफ्तार कर लिया गया। क्लिनिक से विभिन्न प्रकार की दवाइयां विशेष रूप से मल्टीपल डोज वायल, बीपी इंस्ट्रूमेंट, नेवुलाइजर, सीजर, कॉटन रॉल, स्टील नीडल, आइवी सैट व अन्य सामग्री जब्त की गई।

बोरानाडा थानाधिकारी सुनील चारण ने बताया कि सालावास में कबीर आश्रम के पास पीयूष कुमार के बिना डिग्री व प्रमाण पत्र के स्वास्थ्य जांच करने की सूचना मिली। ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. मोहनदान, चिकित्सा अधिकारी डॉ. भवानीसिंह बिश्नोई, ड्रग निरीक्षक पंकज गहलोत व सालावास स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ अंकुल व्यास ने पुलिस के साथ वहां दबिश दी। किराए पर दुकान लेकर क्लिनिक चला रहा पीयूष कुमार विश्वास कोई डिग्री व प्रमाण पत्र पेश नहीं कर सका। वह भी एलोपैथी चिकित्सा पद्धति से ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच कर इलाज कर रहा था। क्लिनिक से दवाइयां व सर्जिकल सामग्री जब्त की गई। डॉ. अंशुल व्यास की एफआइआर पर मूलत: पश्चिम बंगाल में नांदिया हाल सालावास निवासी पीयूष कुमार विश्वास (३९) पुत्र बाबूराम को गिरफ्तार कर लिया गया।

तीसरी कार्रवाई डालीबाई मंदिर के पास जय हनुमान क्लिनिक पर की गई, जहां डॉ. नूर मोहम्मद प्रैक्टिस करते मिला। उसने डिग्री तो थी, लेकिन वो पाकिस्तान की थी। वह डिग्री इंडियन मेडिकल काउंसिल व राजस्थान मेडिकल काउंसिल के रजिस्टर्ड नहीं होना सामने आया। नियमानुसार किसी विदेशी एमबीबीएस डिग्री धारक को इंडियन मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद ही इंडिया में प्रैक्टिस करने का अधिकार मिलता है। इस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जय हनुमान क्लीनिक संचालक डॉ. नूर मोहम्मद के खिलाफ चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में एफ आइआर दर्ज करवाई गई। सीएमएचओ डॉ. बलवंत मण्डा ने बताया कि गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सेवाओं के लिए विभाग निरंतर आगे भी समय-समय पर कार्रवाई करता रहेगा।

संक्रमण फैलने का भी खतरा
दोनों ही झोलाछाप चिकित्सकों की क्लिनिक पर बेड लगा रखे थे। इन पलंगों पर मरीजों के आइवी ड्रिप लगाए जाते थे। इन दोनों क्लिनिक पर बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं थी। उपयोग में लेने के बाद सर्जिकल सामग्री को खुले में ही डाल दिए गए थे। जिनसे आस-पास के क्षेत्र में संक्रमण फैलने का अंदेशा है।

Source: Jodhpur

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