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बाड़मेर. सरस्वती के पावन मंदिरों में जहां सुबह से शाम तक नन्हे मुन्ने बालक हंसते खेलते शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। विद्यालयों के एकीकरण से अधिकांश भवनों को ग्रहण लग गया है। करोड़ों की कीमत के भवन पर आज सरकारी बेरूखी के निशां साफ नजर आते हैं।

जिन विद्यालयों में बालक शिक्षा ग्रहण कर रहे थे आज वहां पर नशेडिय़ों का अड्डा बन गया है। वहीं खाली पड़े भवनों के आसपास के लोग इनका उपयोग शौचालयों के रूप में कर रहे हैं।

फैक्ट फाइल
2015 में हुआ था स्कूलों का एकीकरण

182 प्रारंभिक शिक्षा के विद्यालयों का समायोजन
383 माध्यमिक शिक्षा के स्कूल हुए मर्ज

जिले में 565 विद्यालयों के भवन हो रहे खंडहर

वर्ष 2015 में में कम नामांकन के कारण सरकार ने प्रारम्भिक शिक्षा के 339 व माध्यमिक शिक्षा में 565 विद्यालयों को मर्ज किया था। इसके बाद अधिकांश विद्यालयों के मर्ज भवनों पर ताले लटक रहे हैं। देखरेख के अभाव में खाली भवन जर्जर हो रहे है।

टेबल-कुर्सी चोरी, दरवाजे तोड़े

पत्रिका टीम ने बाड़मेर शहर के नेहरू नगर स्थित माणिक्यलाल वर्मा राप्रावि विद्यालय के हालात देखे। भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है। यहां रखा अधिकांश सामान भी टूटा मिला। टेबल, कुर्सियां और दरवाजे तक समाजकंटकों ने तोड़ दिए। कुछ के दरवाजे ही उखाड़ कर ले गए।

कक्षा-कक्षाओं में सरकारी दस्तावेज जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़े मिले। यहां बने कमरों में मादक पदार्थ व अश्लील वस्तुएं मिली। उदासीनता की हद ऐसी है कि स्कूल के मर्ज होने के बाद जिम्मेदारों ने एक बार ही इस तरफ झांका तक नहीं हैं। इसके चलते भवन के हालात अब इस स्थिति में आ गए हैं।

आखिर कौन है जिम्मेदार?

जिले के 565 के करीब विद्यालय खंडहर होने की स्थिति के बाद भी न तो यह किसी विभाग को दिए जा रहे है और ना ही इन भवनों में पुन: विद्यालय शुरू हो रहे हैं।

ऐसे में करोड़ों रुपए के भवन खंडहर होने के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है। इसकी किसी को कोई नहीं चिंता है। सरकार के साथ जनप्रतिनिधि भी भवनों की स्थिति को लेकर रूचि नहीं दिखाते हैं।

हो सकता है उपयोग

भवनों का उपयोग सरकारी कार्यालयों के लिए हो सकता है। आज भी मुख्यालय सहित जिले में कई विभाग किराए के मकानों में संचालित हो रहे हैं। जहां लाखों रुपए किराया चुकाना पड़ रहा है, दूसरी तरफ स्कूलों के खाली भवन खंडहर हो रहे हैं। यहां पर विभागों को शिफ्ट कर जनता के पैसे को बचाया जा सकता है।

विधानसभा में मुद्दा रखा

पूर्व में मर्ज हुए 565 विद्यालयों की स्थिति को लेकर विधानसभा में मुद्दा रखा। सरकार से मांग की गई है कि मर्ज विद्यालय भवनों के सरंक्षण को लेकर निर्देश जारी करें, जिससे करोड़ों की लागत से बने भवन संरक्षित हो सके।
मदन प्रजापत, विधायक पचपदरा

कुछ शुरू होंगे कुछ आवंटित करने की मांग

सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि बंद विद्यालयों को फिर शुरू किया जाए। साथ ही जो विद्यालय शुरू नहीं हो वह किसी अन्य सरकारी कार्यालय या संस्था को नियमानुसार आवंटित करें।

मेवाराम जैन, विधायक बाड़मेर

Source: Barmer News

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