बालोतरा. शिक्षा विभाग निदेशक के आदेश की पालना में मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी के मनमाने तरीके से शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर किए आदेश से जहां विभाग को बेवजह आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा, वहीं छात्रों की पढ़ाई चौपट हो रही है।
प्रदेश व जिले के विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों से छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने व वार्षिक परीक्षा में कम समय शेष रहने पर, शिक्षा विभाग बीकानेर निदेशक ने 10 फरवरी को एक आदेश जारी किया।
इसमें इन्होंने जिला शिक्षा व मुख्य खंड शिक्षा अधिकारियों को रिक्त पदों वाले ऐसे विद्यालय, जहां पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ हैं वहां नजदीक के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को उन्नयन कार्यक्रम के तहत शिक्षण व्यवस्था में लगाने के निर्देश दिए ताकि अधूरे पाठ्यक्रम पूरा होने पर छात्रों की पढ़ाईप्रभावित नहीं हो।
मनमाने आदेश,सरकार को होगा आर्थिक नुकसान
शिक्षा निदेशक ने आदेश में उन्नयन कार्यक्रम में नजदीक के विद्यालयों के शिक्षकों को लगाने के आदेश दिए हैं लेकिन मुख्य खण्ड शिक्षा अधिकारी बालोतरा ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जसोल में कार्यरत एक तृतीय श्रेणी अध्यापक की प्रतिनियुक्ति करीब 55 किमी दूर उच्च माध्यमिक विद्यालय चांदेसरा में की है।
15 किमी से दूर विद्यालय होने पर शिक्षक को यात्रा व भोजन भत्ता देने के आदेश हैं। मनमाने आदेश से सरकार को बेवजह हजारों रुपए का नुकसान होगा।
जानकारी अनुसार इस कार्यालय से मनमाने तरीके से कईजनों की प्रतिनियुक्तियां की गई हैं, इससे सरकार को नुकसान के साथ छात्रों की पढ़ाई चौपट हो रही है।
प्रतिनियुक्ति शिक्षक पात्र नहीं, नजदीक में कई विद्यालय
मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी ने जसोल के जिस तृतीय श्रेणी अध्यापक की प्रतिनियुक्ति है, वह पात्र भी नहीं है। आठवीं कक्षा तक पढ़ाने की पात्रता है। जबकि चांदेसरा में उसे दसवीं, बारहवीं कक्षाओं में अध्ययन करवाना है।
जबकि खास बात यह है कि चांदेसरा के समीप गांव भीमरलाई, गोल स्टेशन, दूदवा, दूदवा डेर आदि कईमाध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। लेकिन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने इन विद्यालयों में किसी शिक्षक की प्रति नियुक्ति करना उचित नहीं समझा।
निदेशक के आदेशों की पालना में शिक्षण व्यवस्था की गई है।
– छगनलाल, मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी, बालोतरा
Source: Barmer News