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बाड़मेर. सालों से विरान प्रदेश के 495 सरकारी विद्यालय एक बार फिर से बच्चों से चहकेंगे। राज्य सरकार ने इसकी घोषणा करते हुए सूची जारी कर अगले सत्र से इसे शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। सूची में बाड़मेर जिले के 75 विद्यालय है, जो फिर से खुलेंगे। आदेश के अनुसार सूची में शामिल विद्यालयों को तत्काल प्रभाव से मुक्त करने को कहा गया है।
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कम नामांकन के आधार पर 2014 से 16 के बीच सैकड़ों विद्यालयों को नजदीक के विद्यालयों में समायोजित कर दिया था। एेसे में इन विद्यालयों के भवन बंद हो गए और धीरे-धीरे जर्जर होने लगे। वहीं, लम्बे समय से राज्य सरकार से जनप्रतिनिधि व आमजन एेसे विद्यालयों को पुन:शुरू करने की मांग कर रहे थे। अब सरकार ने इसकी स्वीकृति जारी करते हुए प्रदेश के 495 विद्यालयों को पुन:शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। ये विद्यालय शिक्षा सत्र 2020-21 में आरम्भ होंगे। गौरतलब है कि जिले में 339 स्कूल बंद किए गए थे, जिसमें से अब 75 फिर से आरम्भ होंगे।

ये रहेंगे नियम
आदेश के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में कम से कम पन्द्रह का नामांकन, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तीस का नामांकन आवश्यक होगा। इससे कम नामांकन पर संबंधित विद्यार्थियों को नजदीक के स्कूल में भेजा जाएगा और उन्हें ट्रांसपोर्ट वाउचर दिए जाएंगे। वहीं, स्कूल आरम्भ करने से पहले यह भी देखा जाएगा कि विद्यालय सुरक्षित है या नहीं। जो विद्यालय वर्तमान में किसी अन्य को दिए गए हैं, उन्हें वापस खाली करवाया जाएगा।

शिक्षकों की इस पैटर्न से होगी नियुक्ति

प्राथमिक विद्यालयों में प्रथम लेवल तृतीय श्रेणी के दो अध्यापक नियुक्त होंगे। जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रथम लेवल तृतीय श्रेणी के दो व द्वितीय लेवल के तीन शिक्षक नियुक्त होंगे। इनकी नियुक्ति वर्तमान रिजर्व पदों से ही होगी, अतिरिक्त रिक्त पद स्वीकृत नहीं किए जाएंगे।
जिले में इन विद्यालयों के खुलेंगे ताले

जिले में राजकीय विद्यालय करनाणियों की ढाणी, जब्बरसिंह की ढाणी, जाणियों की ढाणी, करनाणियों का तला, ढाणी बाजार, पाबू का थान, कुम्हारों की बस्ती बांदरा, बुलसिंह भंवरिया की ढाणी, डीगड़ा राठौड़ों की बस्ती, गुलाबानी भीलों की ढाणी, गोगाजी की खेजड़ी, खेताणी लाधाणी भीलों की ढाणी, बालिका प्राथमिक विद्यालय सरणू पनजी, मूलोंणी थोरियों की ढाणी (बाड़मेर),

जेतमालपुरा, रेखाणी जांणियों की ढाणी, अदाणी गोदारों की ढाणी, भीलासर, दलाणियों की ढाणी, फूलन की नाडी, सैयद का तला, उगरे की ढाणी, देसल मेघवाल की ढाणी, बसंद की बस्ती, मंडी का तला, जाटों की ढाणी, पडि़यारों की ढाणी, काकड़ों की बस्ती, मीर मोहम्मद की ढाणी, भील बस्ती, इजताणियों की ढाणी, पीरु की ढाणी (चौहटन), धन्नाणी सऊओं की ढाणी, सिपली नाडी, सिलपों की बेरी, हुड्डों का तला, मेघवालों की ढाणी, धर्माराम की ढाणी, सिद्दाणी खोथों की ढाणी, राजनगर, लादूराम की ढाणी, केहरोणी सारणों की ढाणी, फड़ोदों की ढाणी, दलपत सिंह का ढाणा, आकली, मेघवालों की ढाणी, खेराज खिलेरी की ढाणी,दूदिया गांव, भूंकरों का तला (गुड़ामालानी),

काकरिया नाडा, इकड की ढाणी, जम्भेश्वर बस्ती, कुम्हारों की ढाणी, चौकडि़यों की ढाणी, नीम्बली, भाटियों की ढाणी, सिंधियों भीलों की बस्ती धीयार नाडी, सोनाराम जांणी की ढाणी, सूरजमल की ढाणी भांडियावास, चारलाई खुर्द चारलाई कला, किस्तुराराम की ढाणी पटाऊ कुड़ी, महादेव नगर पटाऊ कुड़ी, राजगुरों की ढाणी मूल की ढाणी, धुंधवालों की ढाणी मूल की ढाणी, मेघवालों की ढाणी थोब, प्रेमगिरी आश्रम कल्याणपुर (पचपदरा ), दूधोड़ा, बालासर, सरीखानों की ढाणी, तेलियों की ढाणी, राजड़ों की ढाणी, चौहानों की ढाणी, रिखियाणी, हाजी अमर की ढाणी, राजड़ों की ढाणी (शिव) की स्कूल शािमल है।

सरकार का निर्णय सराहनीय- सरकार ने विद्यालयों के ताले खोलने का जो निर्णय किया है वह सराहनीय है। इससे शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। -शेरसिंह भूरटिया, शिक्षक नेता बाड़मेर

लम्बे समय से प्रयासरत- बाड़मेर की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यहां विद्यालय बंद करने से विद्यार्थी पैदल आवाजाही कर परेशान हो रहे थे। लम्बे समय से प्रयासरत था।

– मेवाराम जैन, विधायक बाड़मेर

Source: Barmer News

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