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बाड़मेर. देश में स्वच्छता को लेकर चलाए जा रहे अभियान का बाड़मेर से जैसे कोई लेना देना नहीं है। शहर के हालात देखकर तो यही कहा जा सकता है। नगर परिषद की ओर से शहर में सफाई को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नाले व नालियों की स्थिति को देखने पर लगता है कि यहां पर वर्षों से सफाई तक नहीं हुई है।

नालों में बबूल तक उग गए है। जबकि यह शहर का प्रमुख व भीतरी हिस्सा है । ऐसे में शहरवासी कैसे मानें की नगर परिषद सफाई को लेकर गंभीर है।

नालों में उग गए बबूल

शहर के एमबीसी कन्या महाविद्यालय से हाई स्कूल की तरफ आने वाले नाले की सफाई को देखकर लगता है कि यहां पर वर्षों से किसी कर्मचारी ने सफाई नहीं की। नाला रेत से अटा होने के साथ उसमें पॉलीथिन भरी हुई है। और तो और नाले में बबूल उग गए है। ऐसे में नाला ओवरफ्लो बहता है।

यहां तो 2 माह से हालात खराब

सुमेर गोशाला के पास मुख्य सड़क पर नाली व सीवरेज का पानी ओवरफ्लो होने से आमजन का चलना मुश्किल हो गया है। यहां पर समस्या एक दो दिन से नहीं बल्कि लगभग 2 माह से है। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस मार्ग पर सरकारी व निजी स्कूलें होने के साथ मंदिर भी है। एेसे में अधिकांश लोगों का आना जाना लगा रहता है। इस मार्ग पर रहने वालों की हालत तो ज्यादा ही खराब है।

जिम्मेदार नहीं है गंभीर

नगर परिषद की ओर से स्वच्छता को लेकर स्थायी मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण शहर के मुख्य मार्गों पर इस प्रकार की समस्या आमजन के लिए नासूर बनी हुई है। इसके अलावा स्वच्छता एप का भी प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण लोग अपनी राय भी नहीं लिख पा रहे हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी शहर वासियों के लिए समस्या बन गई है।

घर से बाहर निकलना मुश्किल

सड़क पर सुबह से शाम तक गंदा पानी फैला रहता है। लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। गंभीर समस्या है।

-नरेन्द्र नेहरू

हालत से पता चल रहा है

हाई स्कूल व शहर के कई नालों में सफाई नहीं होने के कारण उसमें बबूल उग गए है। हालात देखकर ही पता चल रहा है कि शहर में कैसी सफाई हो रही है।

-सुरेश गोयल

Source: Barmer News

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